
तवांग झड़प के बाद अरुणाचल में सरकार का नया प्लान क्या है?
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अरुणाचल के साथ तनातनी के बीच भारत सरकार बॉर्डर एरिया में मोबाइल टावर लगाने की तैयारी कर रही है. बेहतर तालमेल और कनेक्टिविटी के लिए ये फैसला लिया गया है. जारी बयान में कहा गया है कि अरुणाचल में BSNL और एयरटेल के कुल 23 मुबाइल टावर लगाए जाएंगे.
भारत-चीन के बीच तवांग में हुई झड़प ने जमीन पर स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया है. हालात ऐसे बन गए हैं कि भारत सरकार को अब सेना के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश में बेहतर कनेक्टिविटी पर भी मंथन करना पड़ रहा है. अब खबर है कि केंद्र सरकार अरुणाचल प्रदेश में मोबाइल टावर लगाने जा रही है. कई मोबाइल टॉवर लगाने की बात हो रही है. इसके जरिए आम लोगों को तो बेहतरीन कनेक्टिविटी दी ही जाएगी, साथ में सेना के साथ भी सरकार आसानी से संवाद स्थापित कर पाएगी.
मोबाइल टावर लगाने के मायने
जारी बयान में कहा गया है कि अरुणाचल में BSNL और एयरटेल के कुल 23 मुबाइल टावर लगाए जाएंगे. इनका सिर्फ एक उदेश्य रहेगा, बेहतर कनेक्टिविटी देना, कम समय में जरूरी बातें सेना तक पहुंचना. इस बात पर भी जोर दिया गया है कि जो टावर पहले से यहां पर लगे हुए थे, उनकी तरफ से ठीक सर्विस नहीं दी जा रही थी. इस वजह से सेना के साथ-साथ वहां रह रहे आम नागरिकों को भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. लेकिन अब उस चुनौती को कम करने के लिए डिफेंस वाले इलाकों में मोबाइल टावर लगाने की तैयारी है. वहीं मगो, चूना, निलिया जैसे सिविलियन इलाकों में भी कनेक्टिविटी को सुधारने पर जोर दिया जा रहा है.
टावर लगाने में क्या चुनौती?
अब अरुणाचल में मोबाइल टावर लगाने का ऐलान तो कर दिया गया है, लेकिन ठंड की वजह से इस प्रक्रिया में कुछ देरी हो सकती है. अधिकारियों के मुताबिक तैयारी तो शुरू कर दी गई है, लेकिन सर्दी चुनौती पेश कर सकती है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि रविवार रात को अरुणाचल में रात का तापमान -3 डिग्री सेल्सियस तक चला गया था. 9 दिसंबर वाली घटना की बात करें तो तवांग में भारतीय पोस्ट को हटवाने के लिए चीनी सैनिक आए थे. भारतीय जवानों ने देखा तो तुरंत मोर्चा संभाला और भिड़ गए. भारतीय जवानों को भारी पड़ता देख चीनी सैनिक पीछे हटे. इस हिंसक घटना में 6 भारतीय जवान घायल हुए हैं, चीन की तरफ से कोई आंकड़ा जारी नहीं हुआ है लेकिन बड़ी संख्या में उसके जवान जख्मी हैं.

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