
टिकट बंटवारे से प्रचार तक... मायावती की पार्टी ने दिल्ली चुनाव के लिए बनाया खास प्लान, आकाश आनंद को कमान
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मायावती की अगुवाई वाली बहुजन समाज पार्टी ने दिल्ली चुनाव को लेकर खास प्लान बनाया है. बसपा के चुनाव अभियान की कमान आकाश आनंद संभालेंगे. पिछले तीन विधानसभा चुनावों में खाता खोलने में भी विफल रही बसपा की रणनीति क्या है?
उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में हाथ आजमाने के बाद मायावती की अगुवाई वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अब दिल्ली चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. 2008 के दिल्ली चुनाव में 14 फीसदी वोट शेयर के साथ दो सीटें जीतकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने वाली बसपा इसके बाद कभी खाता भी नहीं खोल पाई. इस बार पार्टी नई रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है. पार्टी प्रमुख मायावती ने दिल्ली चुनाव को लेकर खास रणनीति तैयार की है. पार्टी का जोर बड़ी रैलियों और रोड शो की जगह नुक्कड़ सभाओं और डोर-टू-डोर जनसंपर्क पर रहेगा.
बसपा ने बनाई ये रणनीति
बसपा ने दिल्ली चुनाव के लिए जो रणनीति तैयार की है, उसमें कैडर के साथ ही टिकट बंटवारे पर फोकस किया गया है. बसपा कैडर को एक्टिव करने के लिए पार्टी पदाधिकारियों को मैदान में उतारेगी. पार्टी की दिल्ली इकाई जगह-जगह कैडर कैंप के साथ ही कार्यकर्ता सम्मेलन और बैठकों का आयोजन करेगी. मायावती का स्पष्ट निर्देश है कि दिल्ली के दलित और बहुजन समाज को बसपा के साथ लाने का प्रयास किया जाए. दिल्ली में दलित समाज की आबादी करीब 20 फीसदी हैं और 12 सीटें इस वर्ग के लिए आरक्षित हैं. मायावती की नजर इस वर्ग को साधने पर है.
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बसपा की चुनाव रणनीति में डोर-टू-डोर जनसंपर्क पर फोकस की बात है. बसपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता दिल्ली की दलित बस्तियों, कॉलोनियों में घर-घर जाकर बसपा की नीतियों के बारे में बताएंगे और आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी का रुख किस तरह का रहा है, इसे बताएंगे. टिकट बंटवारे में भी बसपा जातीय-सामाजिक समीकरणों का ध्यान रख फैसला लेगी. मायावती ने दिल्ली यूनिट से मजबूत उम्मीदवारों के नाम का पैनल बनाकर नेतृत्व को भेजने के लिए कहा है.
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