
झारखंड में दो विधायकों की विधायकी गई, दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित
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झारखंड मुक्ति मोर्चा और भारतीय जनता पार्टी ने स्पीकर ट्रिब्यूनल में हेम्ब्रोम और पटेल के खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्यवाही शुरू की थी. हेम्ब्रोम ने जेएमएम के आधिकारिक उम्मीदवार विजय हंसदक को चुनौती देते हुए राजमहल लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था.
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष के ट्रिब्यूनल ने गुरुवार को दलबदल विरोधी कानून के तहत दो विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया. जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के लोबिन हेम्ब्रोम और कांग्रेस के जय प्रकाश भाई पटेल को सदन से अयोग्य ठहराने का आदेश शुक्रवार से शुरू होने वाले विधानसभा के छह दिवसीय मानसून सत्र से एक दिन पहले आया.
झारखंड मुक्ति मोर्चा और भारतीय जनता पार्टी ने स्पीकर ट्रिब्यूनल में हेम्ब्रोम और पटेल के खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्यवाही शुरू की थी. हेम्ब्रोम ने जेएमएम के आधिकारिक उम्मीदवार विजय हंसदक को चुनौती देते हुए राजमहल लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था.
बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पटेल
दूसरी ओर, पटेल लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए और हजारीबाग सीट से चुनाव लड़ा. हालांकि दोनों ही चुनाव हार गए थे. स्पीकर रवीन्द्र नाथ महतो ने कहा, 'जय प्रकाश भाई पटेल ने स्वेच्छा से अपने मूल राजनीतिक दल भाजपा की सदस्यता छोड़ी है. तथ्यों, परिस्थितियों और माननीय सदस्य के आचरण से यह स्पष्ट है.'
स्पीकर ने जेएमएम के हेम्ब्रोम पर भी ऐसी ही टिप्पणी की. महतो ने कहा, 'पटेल और हेम्ब्रोम को 26 जुलाई से शुरू होने वाली 5वीं झारखंड विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है.'
हेम्ब्रोम ने राजमहल सीट से लड़ा था चुनाव जेएमएम ने इससे पहले राजमहल सीट से नामांकन दाखिल करके 'गठबंधन के हित के खिलाफ काम करने' के लिए हेम्ब्रोम को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन में सीट बंटवारे के समझौते के अनुसार, राजमहल सीट जेएमएम को चली गई, जिसने अपने मौजूदा सांसद विजय हंसदक को मैदान में उतारा था. बोरियो विधायक हेम्ब्रोम ने पार्टी द्वारा हंसदक को चुने जाने के विरोध में राजमहल से चुनाव लड़ा था.

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