जोधपुर सिलेंडर ब्लास्ट में 35 मौत: मृतकों के परिवार को 17 लाख और संविदा पर नौकरी, घायलों को भी 5 लाख मुआवजा
AajTak
Jodhpur News:
Rajasthan News: जोधपुर जिले के भूंगरा गांव में गैस सिलेंडर त्रासदी के पीड़ितों की आवाज आखिरकार सरकार ने सुन ली. इस मामले में रविवार रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से प्रदर्शनकारियों से फोन कॉल पर बातचीत हुई. इस दौरान मृतकों के आश्रितों को 17 लाख रुपए, घायलों को 5 लाख रुपए समेत मृतक के आश्रित सदस्य को संविदा पर नौकरी देने की मांगों पर सहमति बन गई.
इससे पहले भूंगरा सिलेंडर विस्फोट पीड़ितों के लिए राज्य सरकार से मुआवजे की मांग को लेकर कई विधायक, सांसद और अन्य नेताओं ने रविवार को शहर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. राजस्थान के कई जिलों से हजारों लोग इस सर्वसमाज के धरने में शामिल होने पहुंचे थे.
भूंगरा पीड़ित संघर्ष समिति के बैनर तले एकत्रित प्रदर्शनकारियों ने महात्मा गांधी अस्पताल के मुर्दाघर से काले झंडे लहराते हुए और सिर पर काली पट्टी और हाथों पर रिबन बांधकर जिला कलेक्ट्रेट तक मार्च किया. उन्होंने राज्य के राज्यपाल कलराज मिश्र को संबोधित करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
शनिवार को प्रशासन से पीड़ित मुआवजे को लेकर बातचीत विफल होने के बाद रैली निकाली गई थी. दरअसल, पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी, पूर्व शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़, आरएलपी प्रदेशाध्यक्ष पुखराज गर्ग समेत अन्य वर्गों के नेताओं और राजपूत नेताओं ने संभागीय आयुक्त के चेंबर में पहुंचकर कई बार वार्ताएं की थीं. लेकिन इसी तरह की सहमति नहीं बन पाई थीं. आखिरकार कई दौर की वार्ता के बाद रात 10 बजे के करीब सहमति बन गई और पूर्व शेरगढ़ विधायक बाबू सिंह राजपुरोहित ने धरना समाप्ति की घोषणा की.
बता दें कि आंदोलनकारी मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपये और घायलों के लिए 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि के अलावा मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे. उन्होंने सरकार से आग से लोगों को बचाने वाले सुरेंद्र सिंह को शहीद घोषित करने की भी मांग की है. साथ ही एक और मांग उन्होंने मेकअप आर्टिस्ट दिलीप सेन के लिए एक विशेष पैकेज की है, जिनकी भी जलते हुए घर से लोगों को बचाने के दौरान मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री से हुई बात पूर्व शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से करीब आधा घंटा दूरभाष पर वार्ता हुई है. CM ने मृतकों के परिवार को 17 लाख और घायलों को 5- 5 लाख देने की बात कही है. इसके साथ ही मृतक आश्रितों को संविदा पर नौकरी देने और मुआवजा बढ़ाने की भी बात कही है. प्रतिनिधिमंडल को इसके लिए अलवर बुलाया है. मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया गया है.
जानिए कैसे मिलेंगे मृतकों को 17 लाख संभागीय आयुक्त के मुताबिक, मुख्यमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपए, प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपए, चिरंजीवी बीमा योजना के तहत 5 लाख रुपए, 2 लाख रुपए गैस कंपनी की ओर से और 6 लाख रुपए गैस कंपनी के इंश्योरेंस से मृतकों के परिजनों को मिलेंगे.