
जॉर्ज सोरोस की कुंडली, अडानी ग्रुप पर खुलासे के पीछे इनका खेल, PM मोदी पर भी दे चुके हैं बेतुके बयान!
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हर कोई जानना चाह रहा है कि अडानी ग्रुप पर नया खुलासा करने वाले फर्म का बैकग्राउंड क्या है? आखिर किस मकसद से अडानी ग्रुप को टारगेट किया गया है. हिंडनबर्ग के बाद OCCRP के खुलासे से अब हड़कंप मचा है.
अडानी ग्रुप (Adani Group) करीब 7 महीने में दूसरी बार आरोपों के घेरे में है. हिंडनबर्ग के बाद अब बुधवार को नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) ने अडानी ग्रुप पर एक रिपोर्ट जारी कर कई खुलासे किए हैं. वैसे अधिकतर आरोप वही हैं, जो हिंडनबर्ग ने भी लगाए थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि गलत तरीके से शेयरों की कीमत बढ़ाई गई हैं. अडानी ग्रुप का भी बयान आ चुका है, अडानी ग्रुप ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि OCCRP ने हिंडनबर्ग के आरोपों को ही दोहराने का काम किया है. हालांकि गुरुवार को अडानी ग्रुप के सभी शेयरों में दबाव देखने को मिल रहा है.
हिंडनबर्ग के बारे में हर किसी को पता है कि वो एक शॉर्ट सेलिंग फर्म है, जो गिरते शेयरों पर दांव लगाकर कमाई करता है. लेकिन अबकी बार अडानी ग्रुप पर OCCRP ने आरोप लगाए हैं. हर कोई जानना चाह रहा है कि ये कहां की एजेंसी है और इसका अडानी मामले से क्या लेना-देना है? बता दें, ये भी विदेशी फर्म है, और हिंडनबर्ग भी विदेशी है. इस बीच जैसे ही OCCRP ने अडानी ग्रुप पर सवाल उठाए, हिंडनबर्ग अपनी पीठ थपथपाने लगा. वहीं नए खुलासे को लेकर भारत के राजनीतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गई हैं.
OCCRP के पीछे जॉर्ज सोरोस का हाथ?
लेकिन अब ये जानना जरूरी है, ये OCCRP क्या है? इसका क्या काम है और इसका कर्ता-धर्ता कौन है? यह कंपनी पत्रकारों के एक ग्रुप द्वारा संचालित की जाती है. इसका मुख्यालय अमेरिका में है और इस कंपनी की शुरुआत साल 2006 में हुई थी. ये कंपनी दुनियाभर में आर्थिक अपराध खुलासों के लिए भी जानी जाती है. वैसे तो इसकी वेबसाइट पर जिक्र किया गया है, ये पब्लिक फंडेड फर्म है. लेकिन पब्लिक के साथ-साथ अरबपति जॉर्ज सोरेस ( George Soros) की कंपनी भी OCCRP को आर्थिक मदद करती है. यानी यह जॉर्ज सोरेस फंडेड फर्म है. अब जॉर्ज सोरोस के बारे अधिकतर लोग जानते हैं, जो नहीं जानते हैं वो अब जान लें.
हंगरी-अमेरिकी मूल के मशहूर अरबपति जॉर्ज सोरोस अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. खासतौर पर उनकी नजर भारतीय उपमहाद्वीप में हो रहे राजनीतिक बदलावों पर रहती है. सोरोस कई मंचों से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व अमेरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लगातार सत्ता में बने रहने से तानाशाही की ओर बढ़ने वाला नेता कहते रहे हैं.
अब आपको बताते हैं कि जॉर्ज सोरोस ने कब-कब भारत को निशाने पर लिया है.

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