जी-20 बैठक से पहले ब्रिटेन ने कही ऐसी बात, भारतीयों की उम्मीदों को लगा झटका
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे हैं. इससे पहले उन्होंने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को लेकर कई ऐसी टिप्पणियां कर दी हैं जिससे समझौते में देरी हो सकती है.
जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर भारत और ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर बात कर सकते हैं. लेकिन ब्रिटेन की तरफ से समझौते को लेकर कड़ी टिप्पणियां आ रही हैं जिसे देखते हुए ऐसा लग रहा है कि समझौते में देरी हो सकती है. गुरुवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के प्रवक्ता ने कह दिया कि भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते के लिए वो ब्रिटेन की सख्त प्रवास नीति में किसी तरह का बदलाव नहीं करेंगे. ब्रिटेन के इस फैसले से ब्रिटेन में पढ़ाई के लिए जाने वाले भारतीय छात्रों को झटका लगने की संभावना है.
आशा जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता इस साल हो सकता है क्योंकि दोनों पक्ष समझौते के व्यापक रूपरेखा पर सहमत हैं. हालांकि, कई ऐसे मुद्दे हैं जिनपर दोनों देशों के बीच असहमति है. और अब ब्रिटेन की तरफ से आ रही ऐसी टिप्पणियों से मामला और जटिल होता दिख रहा है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुनक के प्रवक्ता ने कहा, 'प्रधानमंत्री ऐसा मानते हैं कि ब्रिटेन में विदेशों से आने वालों की जो संख्या है, वो काफी ज्यादा है. हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि मुक्त व्यापार समझौते के लिए प्रवासन नीति, जिसमें स्टूडेंट वीजा भी शामिल है, उसमें कोई बदलाव नहीं करेंगे.'
इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने मुक्त व्यापार समझौते को लेकर भारत के सामने एक शर्त रख दी थी. मंगलवार को अपनी शीर्ष टीम को संबोधित करते हुए सुनक ने कहा कि ब्रिटेन भारत के साथ तभी मुक्त व्यापार का समझौता करेगा जब इससे पूरे ब्रिटेन को फायदा होगा.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'उन्होंने (ऋषि सुनक ने) कहा कि मुक्त व्यापार समझौते को लेकर भारत के साथ बात चल रही है लेकिन प्रधानमंत्री समझौते के केवल उन्हीं पहलुओं पर सहमत होंगे जो पूरे ब्रिटेन के हित में होगा.'
भारत ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते को बेहद अहम मानता है क्योंकि इसका लक्ष्य ब्रिटेन का एक बड़ा निर्यातक बनना है. वहीं, ब्रिटेन भी यूरोपीय संघ से निकलने (ब्रेग्जिट) के बाद व्यापार के अपने अवसरों में विस्तार करना चाहता है. इस समझौते से ब्रिटेन को अपनी व्हिस्की, प्रीमियम कारों और कानूनों सेवाओं के लिए भारत में व्यापक पहुंच मिलेगी.
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