
जिस अयोध्या ने बृजभूषण शरण सिंह को बुलंदियों पर पहुंचाया, अब वहीं तय होगा उनका भविष्य!
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अपने ऊपर लग रहे तमाम आरोपों के बीच भारतीय कुश्ती महासंघ की बैठक अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अयोध्या में बुलाई है. यह वही अयोध्या है, जहां के आंदोलन से जुड़कर राजनीति से ऐसे सफर पर निकले, जहां उन्हें अब तक कोई पटखनी नहीं दे पाया. अब अयोध्या में ही तय होगा कि बृजभूषण शरण सिंह का भविष्य क्या होगा?
भारतीय कुश्ती फेडरेशन (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ खिलाड़ियों का धरना खत्म हो चुका है. देश के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि एक निगरानी कमेटी बनाकर फेडरेशन और उसके प्रमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की जाएगी. कमेटी की जांच पूरी होने तक अध्यक्ष कुश्ती संघ के दैनिक कार्यों से दूर रहेंगे. रिपोर्ट 4 सप्ताह के भीतर आएगी. उधर, अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने भारतीय कुश्ती महासंघ की 22 जनवरी को कार्यकारिणी बैठक बुलाई है, जहां तय होगा कि वह अपने पद से इस्तीफा देंगे या नहीं? यानी जिस अयोध्या की बदौलत बृजभूषण शरण सिंह राजनीति की बुलंदियों पर पहुंचे, अब उसी अयोध्या में होने वाली एक बैठक में यह तय होगा कि उनके सितारे गर्दिश में जाएंगे या फिर से बुलंदियों पर बने रहेंगे?
भारतीय कुश्ती महासंघ की बैठक अयोध्या में बुलाना इसलिए अहम है, क्योंकि यह वही अयोध्या है, जहां के आंदोलन से जुड़कर बृजभूषण शरण सिंह राजनीति से ऐसे सफर पर निकले, जहां उन्हें अब तक कोई पटखनी नहीं दे पाया. हाल में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) चीफ राज ठाकरे की अयोध्या यात्रा का विरोध करके भी बृजभूषण ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं.
आइए, जानते हैं बृजभूषण शरण सिंह के लिए अयोध्या क्यों इतनी अहम है?
बृजभूषण शरण सिंह ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1987 में गन्ना समिति के डायरेक्टर का चुनाव लड़कर की थी. वह यह चुनाव जीत गए, लेकिन 1988 में चुनाव हार गए. इस हार के बाद बृजभूषण ने 1989-1990 में एमएलसी चुनाव लड़ने की ठानी और बीजेपी ज्वॉइन कर ली. बीजेपी ने टिकट दिया, लेकिन 14 वोट से चुनाव हार गए.
1990 में ही बृजभूषण शरण सिंह अयोध्या आंदोलन से जुड़ गए. जब लालकृष्ण अडवाणी की रथ यात्रा निकली और उन्हें बिहार में गिरफ्तार किया गया तो उस समय फैज़ाबाद (अब अयोध्या) प्रशासन ने बृजभूषण सिंह को एक महीने के लिए जेल में बंद कर दिया था. आडवाणी जब जेल से छूटे तो उन्होंने पहली यात्रा अयोध्या से शुरू की.
इस दौरान बृजभूषण शरण सिंह गोंडा से फैज़ाबाद, फैजाबाद से अयोध्या घाट और अयोध्या से लखनऊ तक लालकृष्ण आडवाणी की गाड़ी में सारथी बनकर यात्रा के दौरान साथ रहे. अयोध्या आंदोलन से जुड़ते ही बृजभूषण शरण सिंह की किस्मत पलट गई और बीजेपी ने उन्हें सीधे गोंडा सीट से लोकसभा का टिकट दे दिया.

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