जाति जनगणना की मांग को लेकर अमित शाह से मिले हेमंत सोरेन, आदिवासी धर्म कोड पर चर्चा नहीं
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हेमंत सोरेन इससे पहले आदिवासी समाज को हिंदू धर्म से अलग बताते रहे हैं. सोरेन सरकार ने विधानसभा में 'सरना आदिवासी धर्म कोड बिल' सर्वसम्मति से पास कर केंद्र सरकार को भेजा था. झारखंड सरकार ने कहा था कि इसके जरिए आदिवासियों की संस्कृति और धार्मिक आजादी की रक्षा की जा सकेगी.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रविवार को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने पहुंचे थे. इस बैठक में उनके साथ राज्य की अन्य पार्टियां भी मौजूद थी. सोरेन, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे. सभी ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ जातीय जनगणना की मांग को लेकर मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने इस बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि कोर्ट में जो कुछ कहा गया वह पूरी तरह अलग मामला है. मैं अब भी कहूंगा कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए. हमने इस बैठक में नक्सली गतिविधियों को जड़ से खत्म करने की बात भी कही. हालांकि इस बैठक में उन्होंने सरना/आदिवासी धर्म कोड को जनगणना में शामिल करने को लेकर कोई मांग नहीं उठाई. वह सिर्फ जातीय जनगणना के मुद्दे पर डटे रहे. मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM की अध्यक्षता में झारखण्ड से सर्वदलीय शिष्टमंडल ने माननीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें जाति आधारित जनगणना कराने हेतु माँग पत्र सौंपा। pic.twitter.com/RoVEAFjH8V
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और अपनी पार्टी के इकलौते सांसद जीतन राम मांझी भी मोदी सरकार में मंत्री बन गए हैं. 44 सालों के पॉलिटिकल करियर में मांझी राज्य सरकार में कई बार मंत्री बन चुके हैं लेकिन पहली बार वो मोदी सरकार में मिनिस्टर बने हैं. मांझी ने एनडीए उम्मीदवार के तौर पर इस बार गया (रिजर्व सीट) से चुनाव लड़ा था और भारी मतों के अंतर से चुनाव जीता था.
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