
जातिगत जनगणना पर भारत बंद, जेडीयू-आरजेडी-सपा से लेकर तमाम राजनीतिक दल लामबंद
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाने का ऐलान कर मुद्दे को सियासी विमर्श में ला दिया है. इसी दौरान कांशीराम द्वारा स्थापित बामसेफ ने जातिगत जनगणना की मांग को लेकर बुधवार को भारत बंद का ऐलान किया है. इस मुद्दे पर सपा से लेकर बसपा, आरजे़डी और जेडीयू एकमत है.
जातिगत जनगणना की मांग को लेकर सियासत तेज होती जा रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातिगत जनगणना के लिए सर्वदलीय बैठक बुला रहे हैं तो दूसरी तरफ सामाजिक संगठनों ने भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है. बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्पलॉयीज फेडरेशन यानी बामसेफ ने जातीय जनगणना की मांग को लेकर बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया है.
बामसेफ द्वारा जातीय जनगणना की मांग को लेकर भारत बंद को कुछ दलित राजनीतिक पार्टियों ने समर्थन किया है, पर किसी बड़े राजनीतिक दल का सहयोग नहीं मिल सका है. बामसेफ के अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहा, 'हमारे भारत बंद आंदोलन को राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन मुक्ति मोर्चा और कई अन्य संगठनों ने समर्थन दिया है.' उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य डिमांड यही है कि जनगणना में जातियों की संख्या को गिनने की बात भी शामिल की जाए. इसे लेकर केंद्र सरकार फैसला लेने से बच रही है.
जातिगत जनगणना की मांग को लेकर बामसेफ के द्वारा भारत बंद के आह्वान को किसी बड़े दल का समर्थन अभी तक नहीं मिल सका है. हालांकि, जातिगत जनगणना की मांग करने वाले तमाम दल बामसेफ के फैसले को बेहतर बता रहे हैं, लेकिन उसके साथ सड़क पर उतरने और अपना समर्थन देने से बच रहे हैं. इसकी एक वजह यह भी मानी जा रही है कि बामसेफ ने जातिगत जनगणना करने वाले दलों से भारत बंद बुलाने से पहले विचार-विमर्श नहीं किया.
जातिगत जनगणना पर खुलकर बोलने वाले सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ओमप्रकाश राजभर ने बामसेफ की मांगों का स्वागत किया है, लेकिन कहा कि भारत बंद बुलाने से पहले इस संबंध में हमसे बातचीत की होती तो हमारी पार्टी उनके आंदोलन के साथ खड़ी होती. देश में दलित और पिछड़ों के आरक्षण को लूटा जा रहा है, जिसके लिए तमाम जातियों की गिनती होनी चाहिए ताकि सभी को पता चल सके कि किसकी कितनी संख्या है और उसकी भागेदारी कितनी है. राजभर ने इस तरह से जातिगत जनगणना की मांग पर तो साथ है और भारत बंद को उचित बताया है.
समाजवादी पार्टी ने क्या कहा
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी कमाल है, हिंदुस्तान में विभिन्न पार्टी के लोग रहते हैं. ऐसे में अगर सब जातियां चाहती हैं कि, जनगणना हो जाए तो उस में दिक्कत क्या है. चुनाव के समय तो बीजेपी बहुत ही तेजी से जाति और धर्म की राजनीति करना शुरू कर देती है, लेकिन जब जातिगत जनगणना करना की बात आती है तो पैर पीछे खींच लेती है. आखिर बीजेपी को दिक्कत किस बात की है. अगर जातिगत जनगणना हो जाएगी, हिंदुस्तान में तो लोगों को पता चल जाएगा, किसी जाति के कितने लोग हिंदुस्तान में रह रहे हैं. सपा ने जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में अपने तर्क तो दे रही है, लेकिन बामसेफ को समर्थन देने बच रही.

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