
जस्टिस हेमा कमिटी रिपोर्ट पर साउथ एक्ट्रेस पार्वती ने की बात, बोलीं- उम्मीद छोड़ दी थी
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जस्टिस हेमा कमिटी रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में खलबली मचा दी है. इस रिपोर्ट में इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ होने भेदभाव और शोषण पर बात की गई है. इसे लेकर साउथ एक्ट्रेस पार्वती ने अपने नए इंटरव्यू में बात की है. एक्ट्रेस ने बताया कि रिपोर्ट को जारी करवाने में उन्होंने कैसे ऐड़ी-चोटी का जोर लगाया था.
जस्टिस हेमा कमिटी रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में खलबली मचा दी है. इस रिपोर्ट में इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ होने भेदभाव और शोषण पर बात की गई है. जब से ये रिपोर्ट सामने आई है, इसपर लगातार चर्चा हो रही है. अब साउथ एक्ट्रेस पार्वती ने इस बारे में बात की है. अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने कहा, 'मुझे ये सही नहीं लगता कि लोग कहते हैं कि मलयालम इंडस्ट्री अंदर से इतनी सड़ी हुई है. नहीं हम अंदर से अच्छे हैं, इसलिए हम चीजों को ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं. जिन जगहों के बारे में आपको कुछ भी सुनने को नहीं मिलता, उनकी चिंता आपको होनी चाहिए.'
पार्वती ने की जस्टिस हेमा कमिटी रिपोर्ट पर बात
एनडीटीवी के साथ बातचीत में पार्वती ने आगे कहा, 'सफलता का ख्याल हमारे लिए खट्टा-मीठा है. क्योंकि पहला बयान 2018 में आया था और रिपोर्ट 2019 में जमा की गई थी. इस रिपोर्ट को बाहर आने में कई सालों का वक्त लगा है. इसका संशोधित वर्जन हमें मिला है. इन बीते सालों में हमें सही में भीख मांगनी पड़ी है, चीखना पड़ा है और लड़ना पड़ा है. हमारे सहयोगी जनता और मीडिया से थे, जिन्हें इस लड़ाई से जुड़ना पड़ा और पूछना पड़ा कि 'आप ये सब हमने कोई छुपा रहे हैं? ये रिपोर्ट बाहर क्यों नहीं आ रही है?'
इस बारे में गहराई से बात करते हुए पार्वती ने कहा कि बहुत से लोग ऐसे हैं, जो इस रिपोर्ट को उसके असली मकसद के लिए नहीं पढ़ रहे हैं. बल्कि उन्हें सनसनीखेज बनाने में लगे हैं. एक्ट्रेस ने कहा, '(जस्टिस) हेमा कमिटी रिपोर्ट फिल्म इंडस्ट्री में होने वाली कुरीति की स्टडी है. इस रिपोर्ट को इसलिए जारी किया गया है ताकि इंडस्ट्री में वर्कप्लेस कल्चर को बेहतर बनाया जाए और सरकार के हिसाब से काम हो. कोई कानून के खिलाफ न जाए. मुझे लगता है कि अब लोग ज्यादा ध्यान इसे सनसनीखेज बनाने में लगा रहे हैं. तो हमारे लिए असली चीज पर लोगों का फोकस लाना अभी भी मुश्किल है.'
रिपोर्ट को बाहर लाने के लिए लगाया ऐड़ी-चोटी का जोर
पावर्ती ने बताया कि इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ हुए सभी वाकयों की रिपोर्ट को बाहर लाना आसान काम नहीं था. उन्होंने कहा, 'ये सभी बयान हाथ से लिखे गए थे और उन्हें हमें पढ़कर सुनाया गया था. ये दर्दनाक और भयावह था. लेकिन हम दिन में 6 से 7 घंटे यही करते थे, हफ्ते में कई दिनों तक हमने ये किया. हमने इसे इस विश्वास के साथ किया कि इसका फायदा हमें मिलेगा और हमारे बाद आने वाली महिलाओं को मिलेगा. लेकिन जब हमें कहा गया कि ये रिपोर्ट शायद कभी बाहर नहीं आ पाएगी. तब हमें लगा था कि हमारे साथ धोखा हो गया है. इसने हमारे आत्मा ही बाहर निकाल दी थी. असल में मैंने सारी उम्मीदें छोड़ दी थीं कि ये रिपोर्ट बाहर आएगी.'

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