छोटा उदयपुर के बड़े घोटालेबाज की मौत! जानिए गुजरात के संदीप राजपूत ने कैसे किया था 18 करोड़ का फर्जीवाड़ा
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'फर्जी दफ्तर घोटाले' का आरोपी संदीप पिछले 7 महीनों से जेल में था. उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए वडोदरा ले जाया गया है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर कैसे संदीप राजपूत ने सरकारी योजनाओं की ग्रांट लेकर 18 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा किया था.
गुजरात के चर्चित 'फर्जी दफ्तर घोटाले' के आरोपी और मास्टमाइंड संदीप राजपूत की मौत हो गई. संदीप को घबराहट (सीने में दर्द) होने पर छोटा उदेयपुर के सविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. संदीप पर छोटा उदयपुर और दाहोद में फर्जी दफ्तर खोलने और करोड़ों की ग्रांट लेने का संगीन आरोप था. ऐसा करके उसने सरकार को करीब 18 करोड़ रुपए का चूना लगाया था.
'फर्जी दफ्तर घोटाले' का आरोपी संदीप पिछले 7 महीनों से जेल में था. उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए वडोदरा ले जाया गया है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर कैसे संदीप राजपूत ने सरकारी योजनाओं की ग्रांट लेकर 18 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा किया था.
6 दफ्तर खोले, 4 सिर्फ कागजों पर
दरअसल, पुलिस के मुताबिक संदीप ने गुजरात में अलग-अलग जगहों पर कुल 6 दफ्तर खोले थे. इनमें से 4 दफ्तर सिर्फ कागज पर ही चल रहे थे. पिछले साल यानी 2023 में पुलिस ने अपनी जांच में यह पाया था कि पिछले करीब 4 साल से ये घोटाला चल रहा था. इसमें तकरीबन 18 करोड़ की सरकारी ग्रांट मंजूर कारवाई गई थी.
रिटायर्ड IAS अधिकारी भी हुए थे अरेस्ट
इस मामले में जब पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो सरकारी अधिकारियों की मिली भगत भी सामने आई थी. पुलिस ने इस केस में रिटायर्ड आईएएस बी.डी निनामा को गिरफ्तार किया था. बाद में जिला पंचायत के सिंचाई विभाग के इंजीनियर इश्वर कोलेचा भी अरेस्ट हुए थे.
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