छह महीने में ही सूखने लगी नैनी झील, बरसात में तोड़ दिया था 30 साल का रिकॉर्ड
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नैनीताल में आने वाले पर्यटकों के लिए नैनी झील आकर्षण का प्रमुख केंद्र रही है. तीन ओर से पहाड़ों से घिरी यह झील पर्यटन के सीजन में नौकाओं से भरी रहती है. इसके अलावा, झील शहर के मौसम और जलवायु का निर्धारण भी करती है. यही नहीं, झील से ही शहर को पानी की आपूर्ति भी की जाती है.
उत्तर भारत के प्रमुख पर्यटक स्थलों में शुमार नैनीताल की लाइफलाइन नैनी झील की सेहत ठीक नहीं है. इस बार फरवरी से ही तापमान बढ़ने लगा है तो झील के जलस्तर में अभी से ही कमी देखी जा रही है. वैसे नैनी झील का जलस्तर हर साल गर्मियों में कम होना पर्यावरणविदों के लिए लंबे समय से चिंता की वजह बना हुआ है. लेकिन इस बार जलस्तर का गिरना सर्दियों के मौसम से ही जारी है. नैनीताल में आने वाले पर्यटकों के लिए नैनी झील आकर्षण का प्रमुख केंद्र रही है. तीन ओर से पहाड़ों से घिरी यह झील पर्यटन के सीजन में नौकाओं से भरी रहती है. इसके अलावा, झील शहर के मौसम और जलवायु का निर्धारण भी करती है. यही नहीं, झील से ही शहर को पानी की आपूर्ति भी की जाती है. झील का जलस्तर कम होने से चिंतित स्थानीय प्रशासन ने पिछले कुछ समय में एहतियाती कदम भी उठाए हैं, लेकिन ये नाकाफी ही साबित हुए हैं.करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.
लोकसभा चुनाव के आखिरी फेज में प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस बार वे कन्याकुमारी में आध्यात्मिक प्रवास पर हैं. पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाएंगे. स्वामी विवेकानन्द ने भी यहीं तप किया था. पीएम ने 2019 में केदारनाथ, 2014 में शिवाजी के प्रतापगढ़ में ध्यान लगाया था.