छत्तीसगढ़: TS सिंहदेव ने भूपेश बघेल को भेजा था 4 पेज का इस्तीफा, जानें क्या-क्या लिखा था
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टीएस सिंहदेव ने अपने इस्तीफे में पंचायत विभाग में लिए गए फैसलों के बारे में बताया कि उनकी जानकारी के बगैर कई फैसले लिए गए. टीएस सिंहदेव ने सीएम को दिए गए इस्तीफे में बताया कि प्रदेश की गरीब जनता को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका. इसके अलावा उन्होंने मनरेगा योजना में भी हस्तक्षेप भी बात कही है.
छत्तीसगढ़ के पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने शनिवार शाम करीब छह बजे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चार पेज का इस्तीफा भेजा था. हालांकि सिंहदेव अपने प्रभार वाले बाकी विभागों में कैबिनेट मंत्री के रूप में बने रहेंगे. उधर, सिंहदेव के इस्तीफे पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि इस्तीफे के बारे में उन्हें मीडिया के जरिए पता चला. पत्र मिलने के बाद वह इस पर विचार करेंगे. इस्तीफे पर अभी तक मंत्री से उनकी कोई चर्चा नहीं हुई है. मैंने उन्हें फोन लगाया था लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया है.
टीएस सिंहदेव के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री पद से इस्तीफे ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अंदरूनी कलह को फिर से सामने ला दिया है. सिंहदेव ने शनिवार शाम 6 बजे सीएम भूपेश बघेल को अपना 4 पेज का इस्तीफा भेजा. पूर्व पंचायत मंत्री सिंहदेव के दावों के मुताबिक, मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के तहत सचिवों की एक समिति गठित कर अपना एकाधिकार स्थापित किया था. इस कमेटी की ओर से सभी प्रोजेक्ट्स को फाइनल अप्रूवल दिया जा रहा था.
सिंहदेव ने अपने इस्तीफे में और क्या लिखा
सिंहदेव ने मुख्यमंत्री को भेजे गए इस्तीफे में लिखा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के लोगों को आवास उपलब्ध कराया जाना था, जिसके लिए मैंने आपसे कई बार चर्चा की और धनराशि आवंटन के लिए अनुरोध किया, लेकिन योजना के कार्यान्वयन के लिए राशि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी. इस प्रकार राज्य के 8 लाख लोगों को कल्याण से वंचित करना ठीक नहीं है. इससे राज्य की लगभग 10 हजार करोड़ की अर्थव्यवस्था उत्पन्न होती. उल्लेखनीय है कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में एक भी घर का निर्माण नहीं हो सका है. बेघर लोगों के लिए और योजना की प्रगति स्थिर रही.
सिंहदेव ने लिखा है कि मंत्री की स्वीकृति के बाद मुख्य सचिव की समिति द्वारा अंतिम निर्णय लेने के लिए एक प्रक्रिया की गई, जो प्रोटोकॉल के विपरीत है. मैंने समय-समय पर लिखित में आपत्ति दर्ज की है, लेकिन इस प्रणाली में कोई सुधार नहीं हुआ. जिसके परिणामस्वरूप 500 करोड़ से अधिक का विकास कार्यों नहीं हो सका. वर्तमान में पंचायतों में कई विकास कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं.
सिंहदेव का इस्तीफा क्या संकेत दे रहा है?
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