छत्तीसगढ़ः हादसे में खो दिए दोनों पैर, फिर भी फतह की दुनिया की तीन सबसे ऊंची चोटियां, जानें 'हाफ ह्यूमन-हाफ रोबो' की कहानी
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चित्रसेन ने एक हादसे में अपने दोनों पैरों को खो दिया था. बावजूद इसके उन्होंने जिंदगी में हार नहीं मानी और प्रोस्थेटिक पैर की मदद से वो 7 में से 3 महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वतों को फतह हासिल करने में कामयाब रहे.
छत्तीसगढ़ से हौसले की एक ऐसी कहानी आई है, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया. 29 साल के चित्रसेन ने एक हादसे में अपने दोनों पैरों को खो दिया था. बावजूद इसके उन्होंने जिंदगी में हार नहीं मानी और प्रोस्थेटिक पैर की मदद से 7 में से 3 महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वतों पर फतह हासिल करने में वह कामयाब रहे. अब उनका सपना है कि वो दुनिया की सभी सातों ऊंची चोटी पर चढ़कर तिरंगा लहराए.
नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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