चीन के दुस्साहस का जवाब देने के लिए भारत की क्या है तैयारी? मुस्तैद हैं ये 15 'अस्त्र'
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पिछले दो साल से चीन की हरकतों को देखते हुए भारत ने सीमा के पास ऐसे हथियार तैनात किए हैं, जिनसे चीन घबराता है. क्योंकि अब भारतीय सेनाएं 1962 वाली स्थिति में नहीं है. अग्नि-ब्रह्मोस मिसाइलों से लेकर पिनाका लॉन्ग रेंज रॉकेट तक, लाइट हॉवित्जर से लेकर K9 वज्र तोप तक. उधर... राफेल, तेजस और सुखोई आसमान में तैनात हैं.
अब भारतीय सेनाएं 1962 जैसी स्थिति में नहीं हैं. गलवान हो या तवांग चीन की हर कुटिल चाल का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय मिलिट्री तैयार है. चाहे वह जमीन हो. आसमान हो या फिर समुद्र. भारत के पास कई ऐसे हथियार हैं, जिनकी ताकत से चीन भी खौफज़दा है. वो जानता है कि अगर भारत ने इन हथियारों का इस्तेमाल किया तो नुकसान ज्यादा होगा. इसलिए वह हाथापाई, बल्लम और डंडे जैसे हथियारों का उपयोग करता है. भारतीय जवानों को भड़काता है. 9 दिसंबर 2022 को तवांग में भारतीय जवानों ने जिस तरह चीनी सैनिकों को कूट-कूटकर भगाया, वो देखने लायक था.
आइए जानते हैं कि भारत के वो कौन से हथियार हैं जो LAC के पास तैनात हैं. कौन से ऐसे हथियार हैं, जो लंबी दूरी से ही चीन के सीमाई इलाके में तबाही मचा सकते हैं. भारतीय जवान आधुनिक हथियारों से लैस हैं. कई स्वदेशी और ताकतवर हथियार भी दिए गए हैं. सीमा पर ऐसे तोपों और आर्टिलरी की तैनाती की गई है, जो किसी भी समय चीन की सेना को धूल चटा सकते हैं.
पिनाका रॉकेट सिस्टम (Pinaka Rocket System)
पिनाका रॉकेट सिस्टम का नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' पर रखा गया है. पिनाका सिस्टम 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दागता है. मतलब हर 4 सेकेंड में एक रॉकेट. इसकी रेंज 7 से 90 किलोमीटर है. पिनाका रॉकेट के ऊपर हाई एक्सप्लोसिव फ्रैगमेंटेशन (HMX), क्लस्टर बम, एंटी-पर्सनल, एंटी-टैंक और बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार लग सकते हैं. यह रॉकेट 100 KG वजन का हथियार उठाने में सक्षम है. यह 5757.70 KM प्रतिघंटा की रफ्तार से दुश्मन की ओर बढ़ता है. यानी एक सेकेंड में 1.61 KM की स्पीड से हमला. दुश्मन को मौका नहीं मिलेगा कि वह टारगेट एरिया से दूर भाग पाए.
के-9 वज्र टैंक (K-9 Vajra Tanks)
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