
'गोविंदा ने दाऊद की पार्टी में किया था डांस', पुलिस अधिकारी का खुलासा, बोले- खुद कहा था...
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1990 के दशक में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर अंडरवर्ल्ड का असर तगड़ा था. पुलिस अधिकारी डी शिवानंदन ने बताया कि सत्या, कंपनी जैसी फिल्मों को अंडरवर्ल्ड के पैसे से फंड किया गया था, एक्टर्स और सिंगर्स को दुबई बुलाया जाता था और वे डॉन के इशारों पर काम करते थे. गोविंदा ने पार्टी में डांस करने की बात खुद उनके सामने कुबूल की थी.
1990 के दशक में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री एक तरह से अंडरवर्ल्ड का कब्जा कहा जाता था. हर गुजरते साल के साथ दाऊद इब्राहिम, अबू सलेम जैसे डॉन का फिल्म इंडस्ट्री पर कंट्रोल बढ़ता जा रहा था. फिल्म मेकर्स, सिंगर्स और एक्टर्स इनके इशारों पर काम करने को मजबूर थे. उस वक्त सत्या और कंपनी जैसी कई फिल्में भी अंडरवर्ल्ड की दुनिया पर बनीं, लेकिन उस वक्त के टॉप पुलिस ऑफिसर डी. शिवानंदन का कहना है कि ये फिल्में भी अंडरवर्ल्ड के पैसों से बनाई गई थीं.
'अंडरवर्ल्ड के पैसों से बनी थी सत्या-डी कंपनी'
एएनआई से बातचीत में शिवानंदन, जो 1998 से 2001 तक मुंबई के जॉइंट सीपी क्राइम थे, ने बताया कि सत्या, कंपनी, डैडी, शूटआउट एट वडाला, और शूटआउट एट लोखंडवाला जैसी फिल्में, गैंगस्टर्स की इमेज को अच्छा दिखाने के लिए बनाई गई थीं.
उन्होंने कहा- इन फिल्मों को उन्होंने ही फंड किया था. उन्होंने यह भी बताया कि 1970 के दशक की कुछ फिल्में जैसे दीवार और मुकद्दर का सिकंदर भी 'अंडरवर्ल्ड के पैसे से बनी थीं.' 1990 के दशक की बात करते हुए शिवानंदन ने कहा कि क्योंकि फिल्में अंडरवर्ल्ड से फंड होती थीं, इसलिए उन पर पूरा कंट्रोल उनका ही था.
सेलेब्स को बुलाया जाता था दुबई
शिवानंदन ने बताया,“दाऊद इब्राहिम किसी भी फिल्म एक्ट्रेस को दुबई बुला सकता था, उन्हें तोहफे देता और वापस भेज देता था.” उन्होंने एक किस्सा याद किया कि एक बार उन्होंने 'एक टॉप एक्टर और 83 सिंगर्स और सेलेब्स' को दुबई जाते देखा, जो दाऊद इब्राहिम की बेटी के लिए शो करने गए थे. वो बोले, “मैंने उन्हें एक स्पेशल फ्लाइट से जाते और लौटते देखा था.''

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