गुजरात: रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मेडिकल स्टोर पर लगी लाइन, BJP प्रदेश अध्यक्ष दे रहे फ्री में
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कोरोना संक्रमण के बीच सबसे ज्यादा डिमांड बढ़ी रेमडेसिविर इंजेक्शन की. ये इंजेक्शन कोरोना के लिए बेहद असरदार माना जाता है. ऐसे में मेडिकल स्टोर पर इस इंजेक्शन लेने को लेने के लिए लाइन लगी है, तो वहीं बीजेपी अध्यक्ष ने इस इंजेक्शन को फ्री में दे रहे हैं. इसे लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है.
गुजरात में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड भी बढ़ गई है. कोरोना में बेहद असरदार माने जाने वाले इस इंजेक्शन को खरीदने के लिए मेडिकल स्टोरों पर लंबी लाइन लगी हुई हैं. एक ओर सरकार ये दावा कर रही है कि ये इंजेक्शन स्टॉक में नहीं है, जिसके चलते प्राइवेट हॉस्पिटल में इसे उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है, वहीं बीजेपी कार्यालय से ये इंजेक्शन फ्री में दिए जा रहे हैं. ભારતીય જનતા પાર્ટી સુરત મહાનગરનાં ઉપક્રમે ભાજપ કાર્યાલય ઉધના ખાતેથી આજે રેમડેસિવીરનું વિના મૂલ્યે વિતરણ શરૂ કરાયું. ઇન્જેક્શન મેળવવા માટે કોરોનાનો રિપોર્ટ અને ડોક્ટરનું પ્રિસ્ક્રીપ્શન સાથે લાવવું જરૂરી છે. pic.twitter.com/DNop5F76Wf प्रधानमंत्री @narendramodi जी, गुजरात में एक सेट #Remedesivir इंजेक्शन के लिए हज़ारों लोग क़तारों में खड़े है। वहाँ स्टोक नहीं है। बिना इंजेक्शन मरीज़ मर रहे है। तभी @BJP4Gujarat अध्यक्ष पाटील भाउ के पास 5000 इंजेक्शन कहाँ से आया? ये सिर्फ़ राजनीति ही नहीं,क्रिमिनल एक्ट है। गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा, बीजेपी कार्यालय से 5 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना संक्रमित लोगों के रिश्तेदारों को फ्री में मुहैया कराए जा रहे हैं. अब इसे लेकर राजनीति गरमा गई है. सवाल यह खड़ा हो रहा है कि राज्य में लोगों के स्वास्थ्य को संभालने और इस महामारी के वक्त में इंजेक्शन मुहैया करवाने की जिम्मेदारी सरकार की है या फिर संगठन की. जिस इंजेक्शन की व्यवस्था सरकार नहीं कर पा रही है, लेकिन वहीं इंजेक्शन सीआर पाटिल बीजेपी दफ्तर से सब को मुफ्त में बांट रहे हैं. आखिर बीजेपी अध्यक्ष के पास इतनी बड़ी तादाद में ये कंट्रोल ड्रग्स आए कहां से?More Related News
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.