खालिस्तानी साजिश, किडनैपिंग समेत 7 FIR, क्या कभी जेल से बाहर आ पाएगा अमृतपाल? देखें- गुनाहों की लिस्ट
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खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे संगठन का मुखिया अमृतपाल सिंह आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया. पंजाब पुलिस ने रविवार को उसे रोडे गांव से गिरफ्तार कर लिया. अमृतपाल सिंह पर भारत के खिलाफ साजिश रचने का इल्जाम भी है. इसके अलावा उस पर और भी कई ऐसे गंभीर आरोप हैं जिसमें उसे लंबी सजा हो सकती है.
भगोड़ा अमृतपाल सिंह 37 दिन बाद आखिरकार पकड़ में आ ही गया. पंजाब पुलिस ने रविवार को अमृतपाल को मोगा जिले के रोडे गांव से गिरफ्तार कर लिया. पंजाब में कानून-व्यवस्था न बिगड़े, इसलिए उसे सीधे असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया है. यहां उसे स्पेशल सेल में रखा गया है.
अमृतपाल सिंह 18 मार्च से ही फरार चल रहा था. उसी दिन पंजाब पुलिस ने अमृतपाल और उसके खालिस्तानी समर्थकों को पकड़ने के लिए क्रैकडाउन शुरू किया था.
अमृतपाल ने पिछले साल सितंबर में खुद को 'वारिस पंजाब दे' संगठन का मुखिया घोषित कर दिया था. ये वही संगठन है जिसे पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू ने शुरू किया था. पिछले साल फरवरी में कार एक्सीडेंट में दीप सिद्धू की मौत हो गई थी.
खुफिया एजेंसियों के डोजियर में सामने आया था कि अमृतपाल सिंह भारत के खिलाफ खतरनाक साजिश रच रहा था. उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से ट्रेनिंग भी ली थी. इसके अलावा अमृतपाल पर कई ऐसे गंभीर आरोप हैं, जिसमें उसे लंबी सजा हो सकती है.
लेकिन अमृतपाल को क्यों पकड़ रही थी पुलिस?
- इसी साल 23 फरवरी को अमृतपाल और उसके वारिस पंजाब दे संगठन से जुड़े लोगों ने अजनाला पुलिस थाने पर हमला कर दिया था.
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