क्या है प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट जो धार्मिक स्थलों में रोकता बदलाव, ज्ञानवापी जैसे कितने धर्मस्थलों पर है विवाद?
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वाराणसी की जिला अदालत ने हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में पूजा का अधिकार दे दिया. इसके बाद से कई विवादित धर्मस्थलों, खासकर मस्जिदों पर बात हो रही है. जानिए, कितनी जगहें लंबे समय से तनाव का कारण बनी रहीं, उनपर कौन करता रहा दावा और फिलहाल उनका क्या स्टेटस है.
ज्ञानवापी परिसर पर भारतीय पुरातत्व सर्वे (ASI) की रिपोर्ट कुछ ही समय पहले सार्वजनिक हुई, जिसमें साफ कहा गया कि वहां मंदिर के चिन्ह मिले. रिपोर्ट सामने आने के तुरंत बाद जिला अदालत ने बड़ा फैसला लेते हुए तहखाने को पूजा-पाठ के लिए खोल दिया, जो साल 1993 से बंद था. तब से लगातार चर्चा हो रही है कि देश में कई धार्मिक जगहें हैं, जो विवादित हैं. इनमें अयोध्या के राम मंदिर के बाद काशी और मथुरा के अलावा भी कई स्थल शामिल हैं.
कितने धर्मस्थल बहस के दायरे में?
ज्ञानवापी पर बात के दौरान हिंदू पक्ष ने कहा था कि देश में विवादित मस्जिदों और स्मारकों की संख्या लगभग 50 है. वैसे अलग-अलग जगहों पर अलग संख्याएं बताई जा रही हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुगलकाल में हजारों हिंदू मंदिर ध्वस्त किए गए, और विवादित स्थल बनाए गए. फिलहाल अलग-अलग अदालतों में कई मामलों पर सुनवाई चल रही है.
सबसे पहले जानते हैं ज्ञानवापी के बारे में इसे लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि विवादित जगह पर सतह से लगभग 100 फीट नीचे आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है. मंदिर का निर्माण 2 हजार सालों पहले महाराज विक्रमादित्य ने करवाया था, लेकिन मुगल शासक औरंगजेब ने साल 1664 में उसे तुड़वाकर मस्जिद बनवा दी. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के अवशेषों से ही ज्ञानवापी मस्जिद बनी. इसी दावे की जांच के लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने काम किया.
ये जगहें भी हैं बहस का केंद्र
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