
क्या है नेशनल हेराल्ड केस, जिसमें ED ने भेजा राहुल-सोनिया गांधी को समन, कांग्रेस ने ये रखे तर्क
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नेशनल हेराल्ड केस सबसे पहले 2012 में चर्चा में आया था. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड (वाईआईएल) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है.
National Herald Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस भेजा है. ईडी सूत्रों ने आजतक को बताया कि राहुल गांधी को 2 जून को जबकि सोनिया गांधी को 8 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है. वहीं, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि सोनिया गांधी 8 जून को पूछताछ में शामिल होंगी. हालांकि, राहुल गांधी विदेश में हैं. ऐसे में ईडी से वक्त मांगा जाएगा. सोनिया गांधी को नेशनल हेराल्ड केस में ये नोटिस भेजा गया है.
ईडी के मुताबिक, यह इस केस में पहला समन है. इस मामले में उन कांग्रेस नेताओं के बयान पहले ही दर्ज हो चुके हैं, जो नेशनल हेराल्ड और AJL में पदाधिकारी थे. सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी और सोनिया गांधी से AJL द्वारा अधिग्रहित कथित अवैध संपत्तियों के मामले में पूछताछ होगी. आईए जानते हैं कि आखिर नेशनल हेराल्ड का पूरा मामला क्या है? और कांग्रेस का इस पर क्या कहना है?
क्या है मामला?
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड (वाईआईएल) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है. उन्होंने आरोप लगाया था कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया. साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को टीजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है.
नेशनल हेराल्ड की स्थापना जवाहर लाल नेहरू ने स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर 1938 में की थी. एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है. कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया था. इसका अर्थ ये हुआ कि पार्टी ने इसे 90 करोड़ का लोन दे दिया. इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है. बाकी की 24 फीसदी हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज (दोनों अब मृतक) के पास थी.
इसके बाद टीएजेएल के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर 'यंग इंडियन ' को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था. 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को इस कंपनी के 99 फीसदी शेयर हासिल हो गए. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया. यानी 'यंग इंडियन' को मुफ्त में टीएजेएल का स्वामित्व मिल गया.

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