क्या है ग्लोबल साउथ? जिसका 'लीडर' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया जा रहा
AajTak
पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मरापे ने प्रधानमंत्री मोदी को ग्लोबल साउथ का लीडर बताया है. ग्लोबल साउथ में असल में कम विकसित या विकासशील देश आते हैं. ग्लोबल साउथ शब्द का पहली बार 1969 में अमेरिकी राजनीति विज्ञानी कार्ल ओल्स्बी ने इस्तेमाल किया था.
पापुआ न्यू गिनी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैसिफिक आइलैंड के 14 नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सच्चा दोस्त वही होता है जो जरुरत में काम आता है. उन्होंने कहा कि भारत बिना किसी हिचकिचाहट के अपने अनुभव और क्षमताओं को आपके साथ साझा करने को तैयार है.
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, दुनिया कोविड-19 महामारी और बाकी दूसरी चुनौतियों के कठिन दौर से गुजरी है और उसका असर ज्यादा ग्लोबल साउथ के देशों ने महसूस किया है.
उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाएं, भूख, गरीबी और बाकी स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां पहले से ही मौजूद थीं. लेकिन अभी नए मुद्दे उभर रहे हैं. खाद्य, फ्यूल, फर्टिलाइजर और फार्मास्यूटिकल्स की सप्लाई चेन में बाधाएं पैदा हो रहीं हैं. उन्होंने कहा 'ग्लोबल साउथ की आवाज' संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी गूंजनी चाहिए.
पीएम मोदी ने कहा कि इस साल जनवरी में 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' का आयोजन किया गया था, जिसमें आपके प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि जी-20 के माध्यम से भारत ग्लोबल साउथ के मुद्दों, उम्मीदों और आकांक्षाओं को दुनिया के सामने लाने की जिम्मेदारी समझता है.
इसी दौरान पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मरापे ने प्रधानमंत्री मोदी को ग्लोबल साउथ का लीडर बताया. उन्होंने कहा, 'हम ग्लोबल पॉवरप्ले के पीड़ित हैं. आप (पीएम मोदी) ग्लोबल साउथ के लीडर हैं. हम वैश्विक मंचों पर आपका (भारत) समर्थन करेंगे.'
लेकिन ये ग्लोबल साउथ क्या है, जिसका लीडर पीएम मोदी को कहा जा रहा है? ये शब्द आया कहां से? इसमें भारत की क्या भूमिका क्या है? समझते हैं...
राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के वायरल वीडियो पर दिल्ली पुलिस का बयान आया है. इसमें कहा गया है, रविवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के लाइव प्रसारण के दौरान कैद एक जानवर की तस्वीर दिखा रहे हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि यह जंगली जानवर है. ये तथ्य सत्य नहीं हैं. कैमरे में कैद जानवर एक आम घरेलू बिल्ली है.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि मणिपुर पिछले 1 साल से शांति की प्रतीक्षा कर रहा है. भागवत ने कहा कि संसद में विभिन्न मतों के बीच सहमति बनाना कठिन है, लेकिन यह आवश्यक है. उन्होंने समाज में फैल रही असत्य बातों और कलह पर भी चिंता जताई. मणिपुर में शांति लाने के लिए प्राथमिकता देने की जरूरत पर जोर दिया.