क्या गुड्डू मुस्लिम ही बना अतीक अहमद के पाताल लोक का गद्दार? 4 बातें कर रहीं इशारा
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अतीक अहमद का माफिया राज भरभरा कर गिर चुका है. इस खंडहर में कुछ बचा है तो वो हैं सिर्फ सवाल. ये सवाल अतीक अहमद के आसपस रहने वाले हर शख्स के लिए उठ रहे हैं. जैसे कि शाइस्ता (उसकी बीवी) कहां है? गुड्डू मुस्लिम कहां है? मोहम्मद मुस्लिम की क्या भूमिका है और आखिर में वो तीनों शख्स असल में कौन हैं जो अचानक ही अतीक अहमद की कहानी में हत्यारे बन के आ गए हैं.
अतीक अहमद अब अतीत बन चुका है. उसके साथ हमेशा हमसाया बना रहा उसका भाई अशरफ साथ में ही कब्र में दफन हो चुका है. इसी के साथ भरभरा कर गिर चुका है, माफियागिरी और दहशतगर्दी का वो साम्राज्य जिसे अतीक अहमद ने अपने कुनबे के साथ 41 सालों में खड़ा किया था. जिस साम्राज्य की दीवारों में न जाने कितनों की चीखें, गम और गुस्सा गुम हो गए थे तो जिसकी ईंटों में न जाने कितने निर्दोषों का खून गारे में मिलावट के लिए इस्तेमाल हुआ था. महज डेढ़ महीने में एक एनकाउंटर, दोहरे हत्याकांड से माफिया का अंत हो गया. एक लाख पूत सवा लाख नाती... वाली कहावत हमारे यहां रावण के लिए कही जाती रही है, लेकिन वर्तमान में ये अतीक अहमद के घमंड और उसके दुर्दांत अंत पर सटीक बैठ रही है.
माफिया साम्राज्य का खंडहर और बिखरे पड़े सवाल
जहां इस माफिया के साम्राज्या का मलबा गिरा है, उन खंडहरों के बीच कई सवाल, कई रहस्य बिखरे पड़े हैं. सवाल उठ रहे हैं कि इतने बड़े कुनबे और यार-दोस्तों, सहयोगियों वाले अतीक अहमद के साम्राज्य में कौन सच्चा था और कौन मौकापरस्त? किसने अतीक की बुलंदियों का फायदा उठाया और किसने मौका देखते ही पाला बदल लिया. जो कभी उसके दाएं-बाएं हाथ हुआ करते थे, उन्होंने वक्त के किस दौर में अतीक को अकेला छोड़ दिया. कुल मिलाकर सवाल उठ रहा है कि अतीक का साम्राज्य बचा भी या नहीं और अगर बचा है तो इसकी सत्ता की चाबी किसके पास है? कौन वफादार है और कौन गद्दार? सिलसिलेवार तरीके से इसमें तीन नाम हैं, शाइस्ता परवीन (जो अतीक की पत्नी है), गुड्डू मुस्लिम, जो साए की तरह साथ रहा है, और बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम. अतीक के जाने के बाद बचे हुए सवालों की कहानी, इन्हीं तीनों के इर्द-गिर्द घूम रही हैं.
जो अतीक के सहारे थे क्या वही बने दुश्मन?
अतीक ने जो अपना पाताललोक बसा रखा था, अब वहां कहानी बदली हुई लगती है. ऐसा लगता है कि जो कभी अतीक के सहारे थे, वक्त पलटते ही वही उसके दुश्मन बन गए. अपने पाताल लोक का पहला किरदार खुद अतीक ही है, अतीक अहमद जिसे न कभी जेल जाने से डर लगा और न ही अपराध करते हुए मौत का डर लगा. वह मंच से कहा करता था, हम ऐसा माहौल पैदा करेंगे कि आपको इंसाफ मिलेगा. उस इंसाफ को दिलाने में मुकदमा जेल जो भी हो जाए, निपट लेंगे, कभी इसका परवाह नहीं किया . ये कहने वाला अतीक अब दुनिया में नहीं है और इस तरह उसके पाताल लोक का पहला किरदार पाताल में ही समा चुका है.
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