कौन है कासगंज का शूटर अरुण उर्फ कालिया, जिसने अतीक और अशरफ पर बरसाईं गोलियां?
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माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर गोलियां बरसाने वाला शूटर अरुण मौर्य उर्फ कालिया यूपी के कासगंज का रहने वाला है. वह यहां सोरों थाना क्षेत्र के गांव बघेला पुख्ता में रहता है. अरुण के पिता का नाम हीरालाल है. बताया जा रहा है कि अरुण उर्फ कालिया बीते छह साल से बाहर रह रहा है. जीआरपी थाने के पुलिसकर्मी की हत्या के बाद वह फरार हो गया था.
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की शनिवार रात तीन शूटरों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी कर हत्या कर दी. हत्या के बाद तीनों हमलावरों ने अपने-अपने हाथ खड़े कर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. इस हत्याकांड में शामिल एक शूटर यूपी के कासगंज जिले का रहने वाला है. वह पहले जीआरपी पुलिस हत्याकांड में जेल जा चुका है. जेल से छूटने के बाद वह कासगंज से बाहर चला गया था.
जानकारी के अनुसार, प्रयागराज के धूमनगंज मेडिकल कॉलेज में अतीक अहमद और अशरफ को गोली मारकर हत्या करने में शामिल शूटर अरुण मौर्या कासगंज के गांव बघेला पुख्ता का रहने वाला है. गांव में उसे अरुण मौर्य उर्फ कालिया के नाम से जाना जाता था. बताया जा रहा है कि जब अरुण छोटा था, तभी उसके माता-पिता की मौत हो गई थी. जब कुछ बड़ा हुआ तो वह सोरों कस्बे में जाकर रहने लगा.
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वर्ष 2014-15 में कासगंज बरेली-फर्रुखाबाद रेलवे मार्ग पर उझयानी और सोरों के मध्य चलती ट्रेन में लूट के बाद सिपाही की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में अरुण जेल गया था. उसके बाद उसके तार अपराधियों से जुड़ गए और वह लगातार अपराध की दुनिया में बढ़ता चला गया. अरुण के दो छोटे भाई भी हैं, जो फरीदाबाद में रहकर कबाड़ का काम करते हैं.
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अरुण की मां सविता और पिता हीरालाल दोनों ही दुनिया में नहीं हैं. अरुण मौर्य की चाची लक्ष्मी देवी और चाचा गांव में ही रहते हैं. चाची लक्ष्मी के मुताबिक, वह सोरों में रहने के लिए आठ वर्ष पूर्व आया था. उसके बाद वह आज तक कासगंज नहीं आया है. वह गांव आता था, लेकिन वह किसी से बात नहीं करता था. प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या की खबर मिलते ही गांव में भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया.
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