'कोई भी हालात भांप नहीं पाया...', डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने नूंह हिंसा को लेकर उठाए सवाल
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हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस घटना में प्रशासन स्थिति का आकलन नहीं कर पाया. नूंह के एसपी 22 जुलाई से अवकाश पर थे. उनकी जगह जिस अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया था, वह उचित रूप से स्थिति को भांप नहीं पाया.
हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को हुई हिंसा पर राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रशासन की नाकामियों को जिम्मेदार ठहराया है. चौटाला ने कहा कि प्रशासन नूंह में स्थिति को भांपने में असफल रहा.
उन्होंने कहा कि एडिशनल डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) ने कहा था कि आयोजकों ने जुलूस के लिए 3200 लोगों की मंजूरी ली थी और उसी के अनुरूप पुलिसबल को तैनात किया गया था.
चौटाला ने कहा कि इस घटना में प्रशासन स्थिति का आकलन नहीं कर पाया. नूंह के एसपी 22 जुलाई से छुट्टी पर थे. उनकी जगह जिस अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया था, वह उचित रूप से स्थिति को भांप नहीं पाया. इसके साथ ही जिस अधिकारी ने जुलूस की मंजूरी दी थी, वह भी स्थिति को समझ नहीं पाया. मामले की जांच की जा रही है.
जेजेपी नेता चौटाला ने इससे पहले कहा था कि धार्मिक जुलूस के आयोजकों ने जूलूस में शामिल होने वाले लोगों की संख्या का कोई स्पष्ट अनुमान जिला प्रशासन के समक्ष नहीं दिया. यह एक बड़ी चूक थी जिसकी वजह से यह हिंसा हुई.
चौटाला से पूछा गया कि उन्हें इस हिंसा के बारे में कब पता चला तो इस पर उन्होंने कहा कि मुझे इसके बारे में दोपहर 1.30 बजे पता चला. मैंने एडीजीपी से बात की और उनसे आग्रह किया कि भिवानी के एसपी को नूंह भेजा जाए. इस मामले में एकतरफा कार्रवाई के बारे मे पूछने पर चौटाला ने कहा कि इस मामले में जिन भी लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वे किसी एक जाति या समुदाय से जुड़े हुए नहीं है.
सांप्रदायिक झड़पों का हवाला देते हुए चौटाला ने कहा कि सरकार सात घंटे के भीतर स्थिति पर काबू पाने में सफल रही. कुछ अन्य राज्यों में इस तरह की घटनाएं दो या तीन हफ्तों तक देखने को मिली हैं. मुझे लगता है कि यह हमारी सक्षमता ही है कि हम गैर सामाजिक तत्वों पर काबू पाने में सफल रहे.
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