केंद्र के अध्यादेश पर केजरीवाल का समर्थन नहीं करेंगे ओवैसी, बताई ये वजह
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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम अरविंद केजरीवाल का समर्थन करने साफ इन्कार किया है. उन्होंने कहा कि आप प्रमुख कट्टर हिंदुत्व की तरफदारी करते हैं. अगर ऐसा नहीं है तो उन्होंने केंद्र के आर्टिकल 370 वाले फैसले का समर्थन क्यों किया था. बता दें कि सीएम केजरीवाल केंद्र के लाए गए अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने में लगे हैं.
दिल्ली की सरकार के खिलाफ केंद्र के लाए गए अध्यादेश को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल विभिन्न विपक्षी दलों से मिल रहे हैं. उनका प्लान है कि बिल को राज्यसभा में निरस्त करने के लिए समर्थन जुटाया जाए, लेकिन एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने सीएम केजरीवाल को समर्थन देने से साफ इन्कार कर दिया है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि वह केंद्रीय अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि आप प्रमुख 'कट्टर हिंदुत्व' का पालन करते हैं.
केजरीवाल ने क्यों किया आर्टिकल 370 का समर्थन? ओवैसी ने कहा, "केजरीवाल ने आर्टिकल 370 पर भाजपा का समर्थन क्यों किया? अब वह क्यों रो रहे हैं? मैं केजरीवाल का समर्थन नहीं करूंगा, क्योंकि वह सिर्फ नरम हिंदुत्व नहीं, बल्कि कट्टर हिंदुत्व का पालन करते हैं." जब 5 अगस्त, 2019 को धारा 370 को निरस्त कर दिया गया, तो अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के फैसले का समर्थन किया. उन्होंने ट्वीट किया था, "हम जम्मू-कश्मीर पर उनके फैसलों पर सरकार का समर्थन करते हैं. हमें उम्मीद है कि इससे राज्य में शांति और विकास आएगा."
कई मुख्यमंत्रियों से मिल चुके हैं सीएम केजरीवाल अब तक केजरीवाल उद्धव ठाकरे, के चंद्रशेखर राव, तेजस्वी यादव और ममता बनर्जी से मिल चुके हैं. उन्होंने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की है. वह जल्द ही तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मिलने वाले हैं. इस बीच, ओवैसी ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि वह 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए "केवल एक धर्म" के लोगों को ले गए. ओवैसी ने कहा, उन्हें सभी धर्मों के लोगों को लेना चाहिए था क्योंकि वह भारत के 130 करोड़ लोगों के पीएम हैं, न कि केवल हिंदुओं के.
विपक्षी दलों ने पीएम मोदी के उद्घाटन किए जाने से जताई थी आपत्ति यह कहकर ओवैसी अधीनम संतों का जिक्र कर रहे थे, जिन्हें समारोह में आमंत्रित किया गया था. उन्होंने प्रतीकात्मक सेंगोल को पीएम मोदी को सौंपा, जिन्होंने इसे नए भवन के लोकसभा कक्ष में रखा. पीएम मोदी ने हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु के विभिन्न अधीनम के महायाजकों से आशीर्वाद भी मांगा था. ओवैसी ने कहा कि अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नए संसद भवन का उद्घाटन करते तो वह समारोह में शामिल होते. बता दें कि नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से 20 विपक्षी दलों ने दूरी बना ली थी. उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी को यह उद्घाटन नहीं करना चाहिए था.
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