कार्बी शांति समझौते पर आज होंगे हस्ताक्षर, अमित शाह और CM हिमंता रहेंगे मौजूद
The Quint
karbi peace accord:असम और केंद्र सरकार आज कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद क्षेत्र के अंदर सक्रिय कम से कम छह विद्रोही समूहों के साथ कार्बी शांति समझौता करने वाली हैं.,karbi peace accord to be signed today in presence of amit shah assam cm himanta
असम और केंद्र की बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार आज नई दिल्ली में कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (KAAC) क्षेत्र के अंदर सक्रिय कम से कम छह विद्रोही समूहों के साथ कार्बी शांति समझौते (Karbi Peace Accord) पर हस्ताक्षर करने वाली है. गृह मंत्रालय (MHA) के नॉर्थ ब्लॉक ऑफिस में गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और छह संगठनों के नेता इस समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे.गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) के 51वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर में पिछले दो वर्षों में 3,700 से अधिक सशस्त्र कैडरों ने आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र किसी भी समूह के साथ बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है जो हथियार छोड़ने के लिए तैयार है.हिंसा का एक लंबा इतिहास, पहले भी हुए हैं शांति समझौते पर हस्ताक्षरअसम के एक प्रमुख जातीय समुदाय- कार्बी के विद्रोही समूह द्वारा असम में हिंसा का एक लंबा इतिहास है. यह समूह 1980 के दशक के उत्तरार्ध से जातीय हिंसा, हत्याओं अपहरण, और लोगों से टैक्स वसूलने के लिए जाना जाता है. हालांकि यह पहली दफा नहीं है जब सरकार ने इन विद्रोही समूहों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया है.कार्बी समुदाय के सभी छह गुटों - कार्बी लोंगरी एनसी हिल्स लिबरेशन फ्रंट (KLNLF), पीपुल्स डेमोक्रेटिक काउंसिल ऑफ कार्बी लोंगरी (PDCK), कार्बी पीपुल्स लिबरेशन टाइगर (KPLT) के तीन अंग और यूनाइटेड पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (UPLA) के प्रतिनिधि 3 अगस्त को नई दिल्ली पहुंचे .यहां उन्होंने समझौते को अंतिम रूप देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की.ADVERTISEMENTNDTV ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि विद्रोही समूहों ने कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (KAAC) को सीधे फंड ट्रांसफर , अनुसूचित जाति के लिए सीटों का आरक्षण, परिषद को अधिक अधिकार, आठवीं अनुसूची में कार्बी भाषा को शामिल करना, अधिक एमपी/एमएलए सीटें और 1,500 करोड़ का वित्तीय पैकेज की मांग रखी है.(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)ADVERTISEMENT...More Related News