कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में शशि थरूर VS अशोक गहलोत... तो फिर राहुल की FB पोस्ट से क्या इशारा?
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कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होना है. लेकिन अभी उम्मीदवारों को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. फिलहाल तक अशोक गहलोत और शशि थरूर का नाम इस रेस में फाइनल माना जा रहा है. इसके साथ-साथ राहुल गांधी को ही फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग भी उठ रही है.
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विजय का रास्ता क्या होगा? सभी राजनीतिक पार्टियां इसका जवाब तलाशने में अभी से जुट चुकी हैं. बीजेपी की बात करें तो वह नरेंद्र मोदी का नाम और काम लेकर जनता के सामने जाएगी. दूसरी तरफ कांग्रेस इसका जवाब तलाशने से पहले दूसरे बड़े सवाल का उत्तर ढूंढने में लगी है. वह सवाल यह है कि पार्टी का अध्यक्ष कौन होगा?
फिलहाल तक राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस सांसद शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में शामिल माने जा रहे हैं. वहीं राहुल गांधी के नाम पर सस्पेंस बना हुआ है.
सूत्र कहते हैं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नवरात्रि में 26 से 28 सितंबर के बीच अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन भरेंगे. कांग्रेस सूत्रों ने ये भी बताया है कि शशि थरूर भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के प्रबल इच्छुक हैं. दावा है कि अपनी इस इच्छा को थरूर ने सोनिया गांधी के सामने रख दिया है, जिसके बाद सोनिया गांधी ने कहा है कि कांग्रेस में कोई भी पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है.
अब आपके मन में सवाल होगा राहुल गांधी को लेकर. तो राहुल गांधी की फेसबुक पोस्ट देखिए. जिसमें वह लिखते हैं, 'जब नाव बीच मंझधार में फंस जाए, तब पतवार अपने हाथ में लेनी ही पड़ती है. ना रुकेंगे, ना झुकेंगे, भारत जोड़ेंगे'. तो क्या इसका ये अर्थ निकाला जाए कि राहुल गांधी फिर से कांग्रेस अध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी ठोकेंगे यानी पार्टी की पतवार अपने हाथ में लेंगे?
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसपर अभी साफ तौर पर कुछ नहीं कहा गया है. लेकिन उनकी दावेदारी मजबूत है इसमें कोई शक नहीं. 7 राज्यों की कांग्रेस कमेटियों ने राहुल को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया है. इसके साथ-साथ सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की जगह इस बात पर जोर दे रहे हैं कि राहुल ही यह पद संभाल लें. वह इसके लिए राहुल को मनाने की कोशिश भी कर रहे हैं.
कांग्रेस की टूट को संभाल पाएंगे राहुल?
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