कश्मीर: हिंदू पड़ोसी के अंतिम संस्कार में मुस्लिमों ने की मदद, नम आंखों से दी विदाई
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70 साल के चमन लाल पुलवामा के ताहाब गांव में रहते थे. शनिवार को उनका निधन हो गया. वह अपने भाई के साथ कुछ कश्मीरी पंडित परिवारों में से थे, जो 1990 के बाद भी कश्मीर से नहीं गए. उन्होंने अपने पैतृक गांव ताहाब में ही रहना पसंद किया.
कोरोना महामारी के दौर में कश्मीर से एक बार फिर सामाजिक सौहार्द्र की तस्वीर सामने आई. आपसी भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए दक्षिण कश्मीर के ताहाब गांव में एक हिंदू पड़ोसी के अंतिम संस्कार में मुस्लिम समुदाय के लोग मदद के लिए आगे आए. आपको बता दें कि 70 साल के चमन लाल पुलवामा के ताहाब गांव में रहते थे. शनिवार को उनका निधन हो गया. वह अपने भाई के साथ कुछ कश्मीरी पंडित परिवारों में से थे, जो 1990 के बाद भी कश्मीर से नहीं गए. उन्होंने अपने पैतृक गांव ताहाब में ही रहना पसंद किया.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.