
कतर में मौत की सजा पाए इंडियन नेवी के पूर्व अफसरों के लिए ये है राहत का रास्ता! लेकिन...
AajTak
कतर में मौत की सजा पाए इंडियन नेवी के 8 अधिकारियों को वापस लाने के लिए भारत सरकार कई विकल्पों पर विचार कर रही है, लेकिन केस की संवेदनशीलता को देखते हुए विदेश मंत्रालय कोई भी बयान सार्वजनिक रूप से नहीं दे रहा है. भारत के पास अपने नागरिकों को राहत देने के लिए एक रास्ता तो है लेकिन सवाल है कि भारत खुद उस पर विचार करना चाहेगा!
कतर की एक अदालत के फैसले ने भारत में कूटनीतिक गतिविधियां बढ़ा दी है. खाड़ी के इस छोटे से देश ने भारत के आठ पूर्व नौसैनिक अधिकारियों को कथित जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई है. दिल्ली से 2900 किलोमीटर दूर दोहा से आए इस फैसले ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाव दिया है. भारत के विदेश मंत्रालय ने इस फैसले पर सधी प्रतिक्रिया दी है और तल्खी वाला रुख अपनाने से परहेज किया है.
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वो नौसेना के इन आठ अफसरों को हर तरह की मदद मुहैया कराने को तैयार है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस मामले को दुखद करार दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत इस मामले में सभी कानूनी रास्तों की तलाश करेगी, साथ ही इस केस को कतर की सरकार के सामने उठाएगी.
भारत जब इस केस में कानूनी विकल्पों की बात करता है तो भारत के सामने कई रास्ते खुलते हैं.
सबसे पहले भारत तो कतर की न्यायिक प्रक्रिया के अनुरुप इस फैसले के खिलाफ वहां की बड़ी अदालतों में अपील कर सकता है. सनद रहे कि कतर से आया ये फैसला वहां की निचली अदालत (Court of First Instance of Qatar) का है.
भारत के पास आवश्यकतानुसार अंतरराष्ट्रीय कोर्ट भी जाने का विकल्प है.
राहत के लिए इस विकल्प पर विचार कर सकता है भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







