कंझावला कांड के 9 दिन, अंजलि की मौत से जुड़े 9 सवालों को अब तक नहीं सुलझा सकी दिल्ली पुलिस?
AajTak
अंजलि का 1 जनवरी को सुबह 4 बजे दिल्ली के कंझावला इलाके में शव मिला था. थोड़ी दूर पर अंजलि की दुर्घटनाग्रस्त स्कूटी मिली थी. पुलिस ने बताया था कि बलेनो कार से अंजलि का एक्सीडेंट हुआ. इसके बाद अंजलि की दिल्ली की सड़कों पर 5 किलोमीटर तक घसीटा गया था. खून बहने और सदमा लगने से अंजलि की मौत हो गई थी. पुलिस ने इस मामले में अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
दिल्ली के कंझावला में 1 जनवरी की सर्द रात को 20 साल की अंजलि सिंह का शव नग्न अवस्था में मिला था. अंजलि को 13 किलोमीटर तक दिल्ली की सड़कों पर घसीटा गया था. अंजलि की मौत को 9 दिन हो गए हैं. लेकिन केस पूरी तरह से सुलझा नहीं है. अंजलि केस में हर रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं, इन खुलासों से कंझावला केस की गुत्थी सुलझने की बजाय उलझती जा रही है. उधर, इस मामले में हादसे के बाद से ही दिल्ली पुलिस की जांच पर भी सवाल उठ रहे हैं. न सिर्फ अंजलि के परिवार ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाया, बल्कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने तो इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर डाली. आईए जानते हैं कि अंजलि केस में 9 दिन में किन गुत्थियों को अभी तक नहीं सुलझा पाई पुलिस...
1- आरोपियों पर सस्पेंस
अंजलि सिंह केस में सबसे बड़ा सस्पेंस आरोपियों पर है. दिल्ली पुलिस शुरुआत से कह रही है कि हादसे के वक्त एक्सीडेंट करने वाली कार में 5 लोग थे. ये आरोपी मनोज मित्तल, दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण और मिथुन थे. पुलिस के मुताबिक, जब कार अंजलि को घसीट रही थी, तब दीपक कार चला रहा था. लेकिन पुलिस ने अचानक तीन दिन बाद पूरी थ्योरी बदल दी. पुलिस ने कहा कि कार में 5 नहीं चार आरोपी थे और कार दीपक नहीं अमित चला रहा था. यहां तक कि पुलिस ने बताया कि दीपक हादसे के वक्त घर पर था. पुलिस ने बताया कि मामले में और और आरोपी अंकुश और आशुतोष हैं. अंकुश और आशुतोष ने पुलिस को गुमराह किया था और दीपक से कहा था कि वे पुलिस से कहें कि हादसे के वक्त वही कार चला रहा था. क्योंकि आरोपियों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, जबकि दीपक के पास लाइसेंस था.
2- निधि की भूमिका पर सवाल
अंजलि की सहेली और मामले की एकमात्र चश्मदीद निधि की भूमिका लगातार सवालों के घेरे में है. निधि ने पुलिस को बताया था कि अंजलि नशे में थी. दोनों होटल से पार्टी करके रात 1.45 बजे निकले थे. अंजलि स्कूटी चला रही थी, तभी वह कार से टकरा गई. इस दौरान निधि स्कूटी के एक ओर और अंजलि कार की ओर गिरी. इसके बाद अंजलि का पैर कार में फंस गया और वह घिसटती चली गई. जबकि निधि डरकर घर चली गई. उसने दो दिन तक पुलिस को इस मामले की कोई जानकारी नहीं दी. निधि के मुताबिक, उसने अपनी मां को पूरी बात बताई थी. हालांकि, अंजलि का परिवार लगातार निधि की भूमिका पर सवाल उठा रहा है. अंजलि के परिवार ने निधि पर झूठ बोलने का भी आरोप लगाया. हाल ही में पुलिस ने निधि को पूछताछ के लिए भी बुलाया था.
3- निधि और अंजलि के बीच झगड़ा क्यों हुआ?
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.