ऑपरेशन बम बाज़ारः 130 से 500 रुपये तक मिलता है मौत का सामान, ऐसी है चुनाव की तैयारी!
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फल सब्ज़ियों की तरह कैसे बम बिक रहे हैं. घरों में बैठकर आसानी से कैसे लोग बम के ऑर्डर ले रहे हैं. कैसे कपड़े की दुकान चलाने वाले भी बम की सेल लगाकर बैठे हैं. कैसे जंगलों के अंदर बम की फैक्ट्रियां चल रही हैं. आज बंगाल का ये विस्फोटक खुलासा आपके सामने है.
अगर हिंसा के कारोबार की बात करें तो देश में अवैध बंदूकों के लिए यूपी, बिहार की कई जगहें बदनाम हैं. लेकिन पूरे देश में बंगाल ही ऐसी जगह है, जहां बम कल्चर दिखता है. आप अक्सर सुनते हैं कि बंगाल में किसी पर देसी बम चला तो किसी पर पेट्रोल बम फेंका गया. वहां पर बम, बारूद से नीचे बात नहीं होती. सवाल ये है कि बंगाल में ये बम बारूद आता कहां से है. बंगाल में बम बारूद के डीलर कौन हैं और कितनी आसानी से वहां बम बारूद मिल जाता है. हमारी स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने ज़मीनी पड़ताल की. हमारी टीम पश्चिम बंगाल के तीन जिलों में गई. वहां पर ऐसे लोगों से मुलाकात की, जो बंगाल के उस बम बाज़ार का हिस्सा हैं, जो हिंसक राजनीति में फल फूल रहा है.जर्मनी से 35 दिन बाद वापस लौटने पर जेडीएस के निष्कासित सांसद रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी गईं. लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रेवन्ना को 6 जून तक SIT हिरासत में भेज दिया है.
असम में चक्रवात रेमल के बाद लगातार बारिश के कारण 9 जिलों में बाढ़ की स्थिति से दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. 28 मई से राज्य में बाढ़, बारिश और तूफान में कुल मिलाकर छह लोगों की मौत हो गई है. वहीं मणिपुर का राजभवन भी बाढ़ के पानी से लबालब हो चुका है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि चक्रवात रेमल के बाद पिछले कुछ दिनों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण मणिपुर के राजभवन में जलभराव हो गया है.
बार और रेस्टोरेंट्स की ओर से पेश वकील वीना थडानी ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिकाओं का उल्लेख किया और कहा कि पुणे में हुई घटना के बाद से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत न करने जैसे मामूली मुद्दों पर बार और रेस्टोरेंट्स के लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं. थडानी ने कहा कि इन प्रतिष्ठानों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक बयान दिया है कि उन्होंने धर्म के आधार पर आरक्षण की समीक्षा करने की बात कही है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर कहीं भी संविधान विरुद्ध कोई कार्य हो रहा है, तो उसकी समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि ओबीसी के आरक्षण का लाभ ले रहे मुस्लिमों की समीक्षा करेंगे. यह बयान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से आरक्षण प्रणाली के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान है.