
एक्टर्स का फीका पड़ता करियर करता है उन्हें बर्बाद, चेतन भगत का दावा
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लेखक चेतन भगत जब भी किसी मीडिया पोर्टल को इंटरव्यू देते हैं तो वो कोई न कोई ऐसी बात जरूर बोल जाते हैं, जिसके बाद उसपर चर्चाएं होने लगती हैं. हाल ही में चेतन ने बॉलीवुड इंडस्ट्री को लेकर कहा कि वो काफी इनसिक्योर है.
भारतीय लेखक चेतन भगत सुर्खियों में आए हुए हैं. पहले तो वो अपनी किताबों को लेकर चर्चा में रहते थे, लेकिन इस बार वो अपने बयान को लेकर फैन्स के बीच मशहूर हो रहे हैं. चेतन भगत, उन लेखकों में से एक हैं, जिनकी किताबों पर फिल्में बनी हैं. इसमें '2 स्टेट्स' और 'हाफ गर्लफ्रेंड' जैसी फिल्में शामिल हैं. हाल ही में पिंकविला संग बातचीत में चेतन भगत ने बताया कि वो बॉलीवुड को काफी इनसिक्योर इंडस्ट्री के रूप में देखते हैं.
चेतन ने दिया विवादित बयान चेतन ने कहा- मनोरंजन की दुनिया में लोग स्ट्रगल कर रहे हैं. वो भी अपनी इनसिक्योरिटीज से और मानसिक समस्याओं से. इन सबसे बचने के लिए ही मैं मुंबई से दुबई शिफ्ट हो गया. इंडस्ट्री में जो एक्टर्स हैं, जिनका करियर ग्राफ नीचे की ओर जा रहा है वो सबसे ज्यादा मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं. ये एक इनसिक्योर इंडस्ट्री है.
कई एक्टर्स हैं जो रेस्टोरेंट में जाते हैं. और अगर उन्हें वहां किसी ने नहीं पहचाना तो वो वहां खाने को एन्जॉय नहीं कर पाते हैं. वो सोचते हैं कि अरे, कोई भी एक भी फोटो क्लिक कराने के लिए नहीं आया. क्या आप सोच सकते हैं कि ये कितनी खतरनाक लाइफ किसी की हो सकती है. वो इस बात से ही इनसिक्योर हो गया कि उसके पास कोई फोटो क्लिक करवाने के लिए नहीं आया और उसे कोई पहचान नहीं रहा है.
जहां तक बात रही मेरी किताबों पर बनी फिल्मों की तो मैं हूं 'पीपल प्लीजर'. मैंने अपनी किताबों पर फिल्म इसलिए बनाई क्योंकि मैंने देखा कि लोग सिनेमा ज्यादा देखना पसंद करते हैं, किताबें पढ़ना कम पसंद करते हैं. मैंने कितने प्रोड्यूसर्स और एक्टर्स के साथ बैठकर चाय पी है जिन्हें क्रिएटिविटी ही नहीं आती.
"मैंने 10-15 साल अपनी जिंदगी के, फिल्में बनाने में निकाल दी. मैंने 6 फिल्में बनाई और फिर लगा, रियलाइज हुआ कि मैं गलत रहा पर हूं. वो लोग सिर्फ मेरी कहानियों का ट्रांसलेशन कर रहे हैं. मानता हूं कि गानों और ग्लैमर के मामले में कहानियां अच्छी दिखेंगी, लेकिन मेरे लिए ये संतुष्टि वाला अनुभव नहीं रहा. चेतन को लगता है कि मनोरंजन का बिजनेस उनके लिए नहीं है, इंडस्ट्री उन्हें खुश नहीं रख पाई."

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