
उस्ताद साहब चले गए, अब धुन बची न लय... ताल के इस 'खाली' को कौन भर पाएगा?
AajTak
तबले की ताल में तीन मुख्य चीजें हैं. सम, ताली और खाली... सम से ताल की धुन शुरू होती है, ताली... यानी बीट पर वो जगह जहां से ताल दी जाती है और खाली... बीट के बीच एक रिक्त स्थान जहां कोई ताल नहीं पड़ती और वह खाली जाती है. उस्ताद साहब के जाने से तबले और ताल में वही खाली स्थान बन गया है. अब न वहां ताल बची न लय और शायद सदियों तक होगी भी नहीं. अलविदा उस्ताद...
13वीं सदी के दौरान हिंदुस्तान में दिल्ली सल्तनत का परचम बुलंद था. इतिहासकारों की नजर में ये वक्त बड़े बदलावों वाला रहा है. एक तरफ जहां आक्रांताओं की आक्रामकता हावी थी तो दूसरी तरफ इसी दौर में एक कवि मन भी था, जो भाषाओं और सभ्यताओं के गहरे समंदर से इंसानी सभ्यता के लिए अमूल्य मोती चुन रहा था. इस आदमी का नाम अमीर खुसरो था, जो खिलजी के दरबार में कवि था, गायक था, संगीतकार था और संगत करने वाले कलाकारों का कद्रदान भी.
अमीर खुसरो ने बनाया था तबला कहते हैं कि उस दौरान खुसरो ने संगीत की दुनिया में बड़े ही दिलचस्प प्रयोग किए. उसने भारत की प्राचीन राग गायन शैली और वाद्य यंत्रों को बड़ी ही बारीकी से समझा. उन्हें नए स्वरूप-नए आयाम दिए और ऐसा प्रचारित-प्रसारित किया कि वह अपनी उसी प्राचीन शास्त्रीय विधा में उसी तरह रच-बस गए, जैसे कि वह युगों से उसमें ही समाए रहे हों. इन्हीं अमीर खुसरो ने ताल शास्त्र के सबसे बड़े वाद्य यंत्र पखावज को दो हिस्सों में बांटा और उसे तबले में तब्दील कर दिया.
पखावज के परिवार से आया तबला पखावज एक तरफ चौड़े गोलाकार हिस्से वाला और दूसरी तरफ बेहद पतले गोल हिस्से वाला वाद्ययंत्र था. जिसमें चौड़े हिस्से से धमक दी जाती थी और पतले हिस्से से ताल के मूल स्वरूप की आवाज आती है. पखावज प्राचीन भारतीय संगीत विधा का सबसे मुख्य वाद्य यंत्र रहा है. मृदंग इसका ही बदला हुआ स्वरूप है. दक्षिण भारतीय संगीत, खासकर कर्नाटिक संगीत विधा में आज भी पखावज या मृदंगम ही मुख्य वाद्य हैं, तबला नहीं. इसका उदाहरण आपको दक्षिण भारत के कई मंदिरों में होने वाले धार्मिक संगीत समारोहों में मिल जाएगा.
खैर, तबले पर आते हैं. अमीर खुसरो ने तबले को स्वरूप जरूर दे दिया था, बावजूद कई सालों तक यह ताल वाद्य उपेक्षित सा ही रहा, लेकिन 16-18वीं सदी के बीच उत्तर भारतीय संगीत में इसकी स्वीकार्यता बढ़ने लगी. घराना संगीत के कर्णधारों ने कथक जैसी नृत्य शैलियों में संगत के लिए इसे उपयुक्त जाना और फिर संगीत की शास्त्रीय विधा में तबले का विधि-विधान से अभिषेक हुआ. इसका ताल शास्त्र आज भी पखावज का ही है, केवल बजाने का तरीका ही थोड़ा अलग हुआ है.
तबला वादक के दोनों हाथ सीने के समांतर आ गए और इस तरह तबले की बोलों में आने वाले तिरकिट, तिट, गदिगन, क्रधा, किटधा धा, तकटित जैसे बोल और भी स्वतंत्र हो गए. फिर तो तबला ऐसा हो गया कि मानों वह सिर्फ बज नहीं रहा है, बल्कि वही गा भी रहा है. भरी महफिल में जब गायक के सुर, सितार की तान, बांसुरी की धुन और तबले की तिरकिट में फर्क करना मुश्किल हो जाए तो इसे ही तबले का जादू कहते हैं.
उस्ताद जाकिर हुसैन साहब को तबले की इस जादूगरी में महारत हासिल थी.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







