उदयपुर हत्याकांड: मुस्लिम समाज का पोस्टर बॉय बनना चाहते थे रियाज और गौस मोहम्मद
AajTak
नूपुर शर्मा को लेकर होने वाले हर प्रोटेस्ट में गौस मोहम्मद और रियाज अत्तारी हिस्सा लेते थे. इसके बाद गौस मोहम्मद और रियाज ने कई अन्य कट्टरपंथी सोच के लोगों के साथ एक मीटिंग की और इसमें कन्हैया लाल के कत्ल की साजिश रची गई.
राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आ रही है. इस घटना की जांच एनआईए कर रही है. मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी और उसके साथियों ने घटना से 10 दिन पहले ही हत्या का प्लान का बना लिया था. रियाज और उसकी गैंग मौके की तलाश में थी. आरोपियों ने घटना से पहले एक मीटिंग भी की थी. इसमें नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले लोगों को भी चिह्नित किया गया था.
उदयपुर पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कन्हैयालाल की हत्या का साजिश 17 जून को ही रची जा चुकी थी. उदयपुर में नूपुर शर्मा के खिलाफ एक प्रोटेस्ट हुआ था. उसमें नूपुर शर्मा के सपोर्टर के रूप में कन्हैया लाल, नितिन जैन और एक अन्य शख्स पनेरिया का नाम सामने आया था.
खांजीपीर इलाके में बनी हत्या की साजिश
बताते हैं कि नूपुर शर्मा को लेकर होने वाले हर प्रोटेस्ट में गौस मोहम्मद और रियाज अत्तारी हिस्सा लेते थे. इसके बाद गौस मोहम्मद और रियाज ने कई अन्य कट्टरपंथी सोच के लोगों के साथ एक मीटिंग की और इसमें कन्हैया लाल के कत्ल की साजिश रची गई. उदयपुर के खांजीपीर इलाके में ये मीटिंग हुई थी.
प्लानिंग के बाद वॉट्सऐप ग्रुप में एक्टिव थे रियाज और गौस
यह भी सामने आया है कि कन्हैया लाल की हत्या के बाद रियाज और गौस खुद को मुस्लिम समुदाय का पोस्टर बॉय बनाना चाहते थे. 17 जून के बाद जब कन्हैया लाल के कत्ल करने की बात तय हुई, तभी से रियाज और गौस 7 से 8 वॉट्सएप ग्रुप में एक्टिव थे.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.
लोकसभा चुनाव के आखिरी फेज में प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस बार वे कन्याकुमारी में आध्यात्मिक प्रवास पर हैं. पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाएंगे. स्वामी विवेकानन्द ने भी यहीं तप किया था. पीएम ने 2019 में केदारनाथ, 2014 में शिवाजी के प्रतापगढ़ में ध्यान लगाया था.