ईरान पर हिजाब मामले में बड़ा एक्शन, UN महिला आयोग से हुआ बाहर, जानिए भारत का स्टैंड
AajTak
ईरान में जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच यूएन का बड़ा एक्शन हुआ है. अमेरिका के लाए प्रस्ताव ने ईरान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. संयुक्त राष्ट्र ने ईरान को बड़ा झटका देने का काम किया है. उसे तत्काल प्रभाव से महिला अधिकार निकाय से बाहर कर दिया गया है.
ईरान में महिलाओं का प्रदर्शन पिछले कई महीनों से जारी है. हिजाब को लेकर शुरू हुआ विवाद अब हिंसक रूप ले चुका है. महसा अमीनी की मौत के बाद से वहां पर हालात बेकाबू से हो गए हैं. इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने ईरान को बड़ा झटका देने का काम किया है. उसे तत्काल प्रभाव से महिला अधिकार निकाय से बाहर कर दिया गया है. अमेरिका द्वारा यूएन में ये प्रस्ताव लाया गया था जिसमें आठ देशों ने ईरान के खिलाफ वोटिंग की और 16 देशों ने वोटिंग से दूरी बनाई. भारत इस मुद्दे पर वोटिंग से दूर रहा यानी कि उसने इस मामले में तटस्थता की नीति अपनाई.
ईरान के खिलाफ क्या एक्शन, अमेरिका की क्या भूमिका?
अब ईरान को ये बड़ा झटका देने में अमेरिका ने बड़ी भूमिका निभाई है. पिछले महीने अमेरिका ने अपना स्टैंड स्पष्ट करते हुए कहा था कि ईरान में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और उसे संयुक्त राष्ट्र के महिलाओं से जुड़े वैश्विक निकाय से बाहर करने की कोशिश की जाएगी. अमेरिका ने ये भी आरोप लगाया कि ईरान में महिलाओं के मानवाधिकारों को लगातार कुचला जा रहा है, उन्हें कमजोर करने का काम हो रहा है. इन तर्कों को समझते हुए यूएन ने अमेरिका के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था और बुधवार को इस पर वोटिंग हुई. वोटिंग के बाद ये प्रस्ताव पारित हो गया और ईरान महिला अधिकार निकाय से बाहर कर दिया गया.
ईरान में क्या बवाल चल रहा है?
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने इस वोटिंग को ऐतिहासिक बता दिया है. उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया है कि महिलाओं का ईरान में जो दमन हो रहा है, ये वोटिंग उसका जवाब है. संकेत है कि ईरान के खिलाफ कई देश एकजुट हो रहे हैं. जारी बयान में सुलिवन ने ये भी कहा कि ईरान के हर कदम के लिए उसकी जवाबदेही तय की जाएगी. जानकारी के लिए बता दें कि बता दें कि 22 साल की ईरानी लड़की महसा अमीनी को ठीक तरह से हिजाब न पहनने की वजह से मॉरैलिटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस कस्टडी में महसा अमीनी की मौत हो गई. मॉरैलिटी पुलिस पर अमीनी की मौत का आरोप लगाया गया. इसके बाद देशभर में सरकार और हिजाब के विरोध में प्रदर्शन होने लगे. इन प्रदर्शनों में छात्र बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.
अमेरिका के व्हाइट हाउस ने गाजा युद्ध पर बड़ी जानकारी दी. बता दें कि गाजा पर अमेरिका, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, बुल्गारिया, कनाडा ने संयुक्त बयान दिया है. व्हाइट हाउस के मुताबिक, सभी देशों ने ये माना है कि युद्धविराम के लिए जो भी जरूरी समझौता है, उस पर इजरायल और हमास को काम करना चाहिए. देखें यूएस टॉप-10.
गाजा में इजरायली सुरक्षाबलों और हमास के बीच संघर्ष जारी है. इसी बीच हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि गाजा पट्टी पर इजरायली हमलों में फिलिस्तीनियों की मौत की संख्या बढ़कर 36,731 हो गई है, जबकि 83,530 लोग घायल हो गए हैं. मंत्रालय ने यह भी बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान इजरायली सुरक्षाबलों के हमलों में 77 लोगों की मौत हो गई.