
इस काम में चीन को आगे बढ़ने नहीं देगा US, भारत पर लगेगा दांव? PM मोदी और बाइडेन में हो सकती है ये डील!
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सिलिकॉन से बनी इस बेहद छोटी चीज की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि कोरोना काल में जब इनकी सप्लाई धीमी पड़ गई थी, तो दुनिया भर के लगभग 169 बड़े उद्योगों में हड़कंप सा मच गया था.
दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका और चीन (America-China) आमने-सामने हैं, दोनों के बीच वैसे तो तमाम मुद्दे तनातनी के कारण हैं. लेकिन सेमीकंडक्टर को लेकर दोनों देश एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में है. वहीं इस बीच भारत (India) को बड़ा मौका हाथ लगा है. सेमीकंडक्टर इंडस्ट्रीज में अपनी मौजूदगी को मजबूत करने के लिए भारत ने कदम बढ़ा दिए हैं.
दरअसल, भारत एडवांस्ड माइक्रोचिप या सेमीकंडक्टर (Semiconductor) का बड़ा प्लेयर बनकर उभर सकता है. पिछले साल सितंबर में कैबिनेट ने भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए 76000 करोड़ रुपये की PLI स्कीम को मंजूरी दी थी. अब खबर है कि कैबिनेट फिर सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए 25,000 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दे सकती है.
सेमीकंडक्टर आज की जरूरत
सभी स्मार्ट डिवाइस के लिए चिप यानी सेमीकंडक्टर सबसे जरूरी हिस्सा होता है. इसे स्मार्ट डिवाइसेज का दिमाग भी कहा जा सकता है. किसी डिवाइस या मशीन में जितने ऑटोमैटिक फीचर होंगे, उसे बनाने में चिप की उतनी अधिक जरूरत होती है. यही कारण है कि आज के समय में स्मार्टफोन से लेकर कारों तक में चिप का इस्तेमाल जरूरी हो गया है.
इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून से अमेरिका के दौरे पर होंगे. इस दौरे को आर्थिक नजरिये से भी अहम माना जा रहा है. भारत और अमेरिका के बीच कई समझौते हो सकते हैं. खासकर सेमीकंडक्टर को लेकर पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच बातचीत हो सकती है.
Glad to receive US National Security Advisor @JakeSullivan46. Reviewed progress under India-US Initiative on Critical & Emerging Technologies (iCET) and other issues of bilateral cooperation. Look forward to meeting @POTUS @JoeBiden during my upcoming State Visit to the US. pic.twitter.com/jqG77WgMIE

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