इमरान खान को गिरफ्तार करने आई पुलिस से भिड़े समर्थक, लाहौर की रैली में हंगामा
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पाकिस्तान की राजनीति में इस समय पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस उनके निवास पर पहुंच गई है. लेकिन समर्थकों ने भारी भीड़ जुटा बवाल काटना शुरू कर दिया है. वो सभी लाठी-डंडे लेकर पुलिस के सामने खड़े हो गए हैं.
पाकिस्तान की राजनीति में इस समय पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस उनके निवास पर पहुंच गई है. लेकिन समर्थकों ने भारी भीड़ जुटा बवाल काटना शुरू कर दिया है. वो सभी लाठी-डंडे लेकर पुलिस के सामने खड़े हो गए हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि इमरान खान पर एक महिला जज को धमकाने और तोशाखाना मामले में अदालत के समक्ष पेश नहीं होने को लेकर दो गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं. उसी वजह से उन पर गिरफ्तारी की तलवार लंबे समय से लटक रही है. कल तो हेलीकॉप्टर के जरिए ही इस्लामाबाद पुलिस इमरान को गिरफ्तार करने पहुंच गई थी. लेकिन बड़ी ही चालाकी से इमरान अपने घर से भी निकल गए और सीधे एक रैली को संबोधित करने चले गए. समर्थकों के हुजूम के बीच पूर्व पीएम को पकड़ना पुलिस के लिए भी मुश्किल हो गया.
अब मंंगलवार को फिर पुलिस उसी कोशिश में है. इमरान को किसी भी कीमत पर गिरफ्तार करना चाहती है. लेकिन समर्थकों ने पुलिस के रास्ते को रोक रखा है. कई नौजवान हाथों में लाठी-डंडे लेकर अपने नेता की सुरक्षा में खड़े हो गए हैं. इस समर्थन पर मरियम नवाज शरीफ ने कहा है कि अगर कोई भी पुलिस का जवान घायल होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी इमरान खान की होगी. इस समय दोनों पुलिस और समर्थक आमने-सामने खड़े हैं. बड़ी हिंसा होने की आशंका जाहिर की जा रही है. कुछ समर्थकों
केस की बात करें तो पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस्लामाबाद में जिला अदालत की सेशन जज जेबा चौधरी को धमकी दी थी. इमरान खान ने महिला जज जेबा चौधरी को धमकी भरे लहजे में उन्हें देख लेने को कहा था.
दरअसल इमरान खान की पीटीआई पार्टी के नेता शाहबाज गिल को पिछले साल राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. बीते साल 17 अगस्त को पुलिस ने इनकी रिमांड बढ़ाने की मांग की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था. शाहबाज गिल की रिमांड बढ़ाने का फैसला जेबा चौधरी ने ही सुनाया था, जिससे इमरान खान भड़क गए थे. इमरान खान ने बाद में एक रैली में कहा था कि जज जेबा चौधरी जानती थीं कि उनकी पार्टी के नेता शाहबाज गिल को जेल में प्रताड़ित किया गया लेकिन उन्हें जमानत नहीं दी. इसके बाद इमरान ने जेबा चौधरी को देख लेने की धमकी दी.
वैसे इमरान के संघर्ष की बात करें तो जब से पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हुआ और उन्हें अपना प्रधानमंत्री पद गंवाना पड़ा, उनकी मुश्किलें बढ़ती गई हैं. वे शहबाज सरकार और पूर्व आर्मी चीफ बाजवा पर गंभीर आरोप लगाते हैं. उनकी मांग है कि पाकिस्तान में जल्द चुनाव करवाए जाएं. इसे लेकर वे आजाद मार्च भी निकाल चुके हैं. उन पर एक बार जानलेवा हमला भी हो चुका है. ऐसे में पाकिस्तान की राजनीति में इस समय जो भी कुछ हो रहा है, चर्चा का विषय सिर्फ इमरान हैं. अब अगर उनकी गिरफ्तारी हो जाती है तो ये उनकी पार्टी पीटीआई के लिए बड़ा झटका होगा. उनकी पार्टी पूरी तरह उन्हीं के नेतृत्व पर निर्भर है, उन्हीं के इशारों पर चलती है.