
आज से यूपी विधान परिषद में कांग्रेस शून्य, सपा के हाथों से निकल सकता है नेता प्रतिपक्ष का पद
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उत्तर प्रदेश विधान परिषद के 9 सदस्यों का बुधवार को कार्यकाल खत्म हो रहा है. कांग्रेस के एकलौते एमएलसी दीपक सिंह रिटायर हो रहे हैं. इसी के साथ विधान परिषद के सफर में पहली बार कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं होगा तो बसपा का एक सदस्य बचेगा. वहीं, सपा के सामने उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी को बचाए रखने का संकट खड़ा हो गया.
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का सियासी आधार सिमटता ही जा रहा है. 2022 विधानसभा चुनाव में अब तक की सबसे करारी मात खाने के बाद कांग्रेस का विधान परिषद में पहली बार एक भी सदस्य नहीं होगा. यूपी के उच्च सदन कांग्रेस के एकमात्र सदस्य दीपक सिंह बुधवार को रिटायर हो रहे हैं. विधान परिषद के सफर में पहली बार कांग्रेस का एक भी सदस्य नहीं होगा. यूपी कोटे से राज्यसभा में कांग्रेस ही पहले ही मुक्त हो चुकी है. इस तरह यूपी से न तो संसद के उच्च सदन में और न ही विधान परिषद में कांग्रेस का कोई सदस्य होगा.
कांग्रेस उच्च सदन में जीरो पर पहुंची
उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के गठन के बाद से कभी ऐसा नहीं हुआ कि जब कांग्रेस का सूबे के उच्च सदन में प्रतिनिधित्व न रहा हो, लेकिन बुधवार को दीपक सिंह का कार्यकाल पूरा हो रहा है. ऐसे में कांग्रेस उत्तर प्रदेश के विधान परिषद में शून्य हो जाएगी. वहीं, बहुजन समाज पार्टी का उच्च सदन में महज एक ही सदस्य रह जाएगा तो सपा से विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का पद भी छिन सकता है.
बता दें कि विधान परिषद के 9 सदस्यों का कार्यकाल बुधवार को खत्म हो रहा है, उनमें 6 सपा के, 3 बसपा के, एक कांग्रेस और दो बीजेपी के सदस्य हैं. इन 9 सीटों पर चुनाव भी हो चुके हैं. बीजेपी के दोनों सदस्य दोबारा से चुन लिए गए हैं, जिनमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और भूपेंद्र सिंह चौधरी जबकि बाकी किसी भी सदस्य की वापसी विधान परिषद में नहीं हो पाई है.
सपा-बसपा के ये सदस्य रिटायर हो रहे
सपा के जगजीवन प्रसाद, बलराम यादव, डा.कमलेश कुमार पाठक, रणविजय सिंह, राम सुन्दर दास निषाद और शतरूद्र प्रकाश का कार्यकाल बुधवार को खत्म हो रहा है. इनके अलावा बसपा के अतर सिंह राव, सुरेश कुमार कश्यप और दिनेश चन्द्रा का भी कार्यकाल खत्म हो रहा तो कांग्रेस के दीपक सिंह विधान परिषद के सदस्य नहीं रहेंगे. सपा ने तीन सदस्यों को अपने कोटे से भेजा है तो बसपा और कांग्रेस के किसी भी सदस्य की वापसी नहीं हुई.

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