आजादी के 70 साल बाद भी विकास की राह देखता गांव, अपने चंदे से खुद ही बना रहे बांस का पुल
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ग्रामीणों के मुताबिक, बरसात के दिनों में नदी को पार करने के दौरान पहले कई हादसे हो चुके हैं. इनमें इंसानों और मवेशियों की नदी में बहने से मौत हुई. नदी पर पुल बनने का इंतजार करते करते लोग थक गए तो उन्होंने आपस में ही चंदा इकट्ठा कर बांस का पुल बनाने का फैसला किया. कुछ स्थानीय एनजीओ भी इस काम में मदद के लिए आगे आए.
असम के गोलपाड़ा जिले के कई गांवों के लोग सालों से नदी पर पुल बनवाने के लिए गुहार लगाते-लगाते थक गए, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. बरसात के दिनों में उन्हें होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए न तो स्थानीय जनप्रतिनिधि जागे और न ही सरकारी अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद टूटी. ऐसे में थक हार कर चपलाई अम्बारी क्षेत्र के लोगों ने खुद ही ये बीड़ा उठाया और देओसिला नदी पर बांस का पुल खड़ा कर दिया.More Related News
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