अस्वस्थ सोनिया, अनिच्छुक राहुल और असंतुष्ट G-23! जानिए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की कशमकश
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कांग्रेस के कुछ अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि राहुल ने ग्रैंड ओल्ड पार्टी का नेतृत्व करने के लिए नेहरू-गांधी परिवार के 6वें सदस्य बनने का मौका गंवा दिया है. यानी कि ऐसे लोगों का मानना है कि राहुल को तत्काल पार्टी की कमान फुल टाइल के लिए संभाल लेनी चाहिए.
देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इसके लिए अब थोड़ा और इंतजार करना होगा, क्योंकि कांग्रेस में आंतरिक चुनाव फिर टल गया है. एक तरफ जहां पार्टी के अधिकांश नेता राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस की कमान सौंपने की वकालत कर रहे हैं, तो एक धड़ा (G-23) ऐसा भी है, जिसका इससे अलग मत है. वहीं सोनिया गांधी, जो कभी राहुल गांधी को अपने उत्तराधिकारी के रूप में स्थापित करने के लिए उत्सुक थीं, उन्हें मजबूरन अपने हाथों में फिर से पार्टी की कमान लेनी पड़ी. कुल मिलाकर पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए तीन अलग-अलग खेमे दिखाई दे रहे हैं, एक सोनिया गांधी के पक्ष में, दूसरा राहुल गांधी के पक्ष में जबकि तीसरा इन दोनों से अलग स्वतंत्र खेमा है. ऐसे खेमे को G-23 ग्रुप का नाम दिया गया है. फिलहाल के लिए पार्टी में वफादारों और असंतुष्टों को साधने के लिए उन्हें विभिन्न कांग्रेस पैनल में समायोजित किया जाना है, यानी पार्टी में अहम पद दिए जा सकते हैं. उधर पार्टी की कमान सोनिया गांधी के हाथ ही रहेगी. हालांकि, कुछ कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि राहुल ने ग्रैंड ओल्ड पार्टी का नेतृत्व करने के लिए नेहरू-गांधी परिवार के 6वें सदस्य बनने का मौका गंवा दिया है. यानी कि ऐसे लोगों का मानना है कि राहुल को तत्काल पार्टी की कमान फुल टाइल के लिए संभाल लेनी चाहिए.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.