असम: पूर्व सांसद रिपुन बोरा का कांग्रेस से इस्तीफा, TMC में हुए शामिल
AajTak
Assam Latest News: रिपुन बोरा ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि मैं अपनी स्टूडेंट लाइफ से साल 1976 से कांग्रेस से जुड़ा रहा. मैं पार्टी के विभिन्न पदों पर जिम्मेदारी निभाई, लेकिन आज मैं भारी मन से पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं.
5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में हारने के बाद कांग्रेस में अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है. बिहार के बाद असम में कांग्रेस को झटका लगा है. असम के सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा ने राज्य कांग्रेस में अंदरूनी कलह का हवाला देते हुए आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद रिपुन बोरा तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. टीएमसी के नेता अभिषेक बनर्जी ने रिपुन बोरा को पार्टी की सदस्यता दिलाई. अभिषेक बनर्जी ने रिपुन बोरा के साथ तस्वीर को अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है. इन तस्वीरों को शेयर करते हुए अभिषेक बनर्जी ने कैप्शन में लिखा, 'स्वागत है.'
कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप कांग्रेस से इस्तीफा देने के साथ ही रिपुन बोरा ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, बीजेपी के खिलाफ लड़ने के बजाय असम कांग्रेस के वरिष्ठ पदों के नेताओं का एक वर्ग मुख्य रूप से मुख्यमंत्री के साथ भाजपा सरकार के साथ गुप्त समझौता कर रहा है.
बोरा ने कहा, कांग्रेस की अंदरूनी कलह से बीजेपी को फायदा मिल रहा है और कांग्रेस हासिए पर खिसक गई है. इससे कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है. इन सबके बीच मेरा गृहराज्य भी अछूता नहीं है. सोनिया गांधी को भेजे गए इस्तीफे में बोरा ने कहा है, 'साल 2016 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद आपने मुझे असम पीसीसी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी. तब से मैंने कांग्रेस को राज्य में उभारने के लिए कड़ी मेहनत की. जिसमें पंचायत, उपचुनाव और लोकसभा चुनाव में काग्रेस ने बीजेपी के सामने चुनौती पेश की.'
महाराष्ट्र के फायर ब्रांड नेता राज ठाकरे ने गुरुवार को मनसे कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें 20 सीटें क्यों मांगनी चाहिए, हम 200 से 225 सीटों के लिए तैयारियां कर रहे हैं. महाराष्ट्र के लोग मनसे का इंतजार कर रहे है. इस दौरान उन्होंने अपने भाई उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी पर जमकर निशाना साधा.
NEET परीक्षा में दिए गए ग्रेस मार्क्स को खत्म कर दिया गया है. ग्रेस नंबर वाले 1563 उम्मीदवारों को फिर से परीक्षा देने का विकल्प होगा. NTA ने सुप्रीम कोर्ट में दिए जवाब में कहा है कि जो उम्मीदवार फिर से परीक्षा देना नहीं चाहते उनके स्कोरकार्ड बदले जाएंगे और उन्हें बिना ग्रेस के नंबर दिए जाएंगे. देखें 'ब्रेकिंग न्यूज'.
अजित पवार की एनसीपी में पद और कद के लिए जोर आजमाइश हो रही है. प्रफुल्ल पटेल सीनियरिटी का हवाला देकर केंद्र में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद ठुकरा चुके हैं, तो सुनील तटकरे भी बतौर इकलौते लोकसभा सांसद अपने लिए मंत्रीपद चाहते हैं. वहीं अब पार्टी ने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है तो इस निर्णय से एनसीपी के ओबीसी चेहरे छगन भुजबल नाराज नजर आ रहे हैं.
'भारत की अभेद्य सुरक्षा और अजेय सेना...', रक्षा मंत्री का कार्यभार संभालते ही क्या बोले राजनाथ सिंह?
प्रधानमंत्री ने एक बार फिर रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली है. उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकताएं वही रहेंगी जो पहले थीं. भारत की अवैध सुरक्षा, अजीब सेना और सैनिकों का कल्याण उनकी प्राथमिकताओं में शामिल हैं. प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर और सशक्त भारत के निर्माण पर जोर दिया है.
'दुश्मन देश का उदाहरण नहीं देना लेकिन...', पाकिस्तान की संसद में भारत के चुनाव पर क्यों छिड़ी चर्चा?
पाकिस्तान के विपक्ष के नेता शिबली फराज ने भारत की चुनाव प्रक्रिया की तारीफ की है. उन्होंने पाकिस्तान में चुनाव में धांधली का बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान में क्यों नहीं भारत जैसे चुनाव कराए जा सकते हैं.
अयोध्या की हार को बीजेपी भुला नहीं पा रही है. पर बीजेपी को यह समझना होगा कि अयोध्या में कोई पहली बार बीजेपी को हार नहीं मिली है. फिर तीसरी बार अगर केंद्र में लगातार पार्टी को सत्ता मिली है तो क्या उसमें रामलाल मंदिर की बिलकुल भूमिका नहीं है? अब तक हिमंता बिस्व सरमा ही आगे आए हैं, जो कह रहे हैं कि वे अयोध्या जाकर भगवान राम से आशीर्वाद लेंगे.
मुनक नहर दिल्ली की जल आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. फिर भी इसे 'खूनी नहर' कहा जाता है. इस नहर में हर तीसरे दिन शव तैरते नजर आते हैं. करीब 35 फीट गहरी इस नहर में रात के समय कई गाड़ियां फंस जाती हैं. क्योंकि यहां घना अंधेरा हादसों को दावत देता है. अपराधी भी अपनी गतिविधियों को छुपाने के लिए इस नहर का उपयोग करते हैं.
राजधानी में पानी की किल्लत के बीच जल मंत्री आतिशी अक्षरधाम के पास स्थित पाइपलाइन का निरीक्षण करने पहुंचीं थीं. निरीक्षण के दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि टैंकर माफियाओं पर बिल्कुल लगाम कसी जानी चाहिए. चाहे वो हरियाणा बॉर्डर के पार हों या दिल्ली के इस पार. लेकिन उससे समस्या का समाधान नहीं होगा.