
अयोध्या: कहां तक पहुंचा श्रीराम मंदिर का निर्माण? ट्रस्ट ने शेयर की दो तस्वीरें
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अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि मन्दिर स्थल पर फर्श निर्माण से पहले चबूतरा (प्लिंथ) के निर्माण का काम अब लगभग पूरा हो रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने गुरूवार को निर्माण कार्य से जुड़ी दो तस्वीरें शेयर की है.
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर किस तरह बन रहा है? निर्माण कार्य कहां तक पहुंच गया है? यह जानने की जिज्ञासा आज हर किसी को है. इसके साथ अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर के 70 एकड़ में और क्या-क्या निर्माण होना है? यह सब कुछ आज हम आपको बताएंगे. आप सबसे पहले इन तस्वीरों को देखिए जो श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जारी की है
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण स्थल पर पत्थरों के ब्लॉक से फर्श का निर्माण शुरू हो गया है. इससे पहले गर्भ गृह पर जहां रामलला विराजमान थे, वहां चबूतरे के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है. गर्भ गृह पर ऊंचे चबूतरे के निर्माण के साथ ही फर्श का काम शुरू होगा. शेष मंदिर निर्माण स्थल के बड़े भाग पर फर्श के निर्माण का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है.
इस तरह श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट दिसंबर 2023 में दर्शनार्थियों के लिए राम मंदिर खोलने के अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है. इसके लिए अयोध्या ही नहीं बल्कि बंसी पहाड़पुर में भी स्थापित कार्यशाला से तराशे गए पत्थर राम जन्मभूमि स्थल पर पहुंचाए जा रहे हैं. श्री राम जन्मभूमि परिसर के 70 एकड़ में होगा यह सब
श्रीराम जन्मभूमि परिसर के 70 एकड़ भूमि में राम जन्म भूमि मंदिर के अलावा बहुत कुछ होगा. नक्षत्र वाटिका होगी, जिसमें नक्षत्रों के अनुरूप वृक्षारोपण भी होगा. एक म्यूजियम होगा, जिसमें खुदाई के दौरान मिले अवशेषों को रखा जाएगा. इसमें एक पुस्तकालय होगा जहां श्रीराम मंदिर और उसके लिए संघर्ष के अलावा सनातन धर्म से जुड़ी किताबों और साहित्य उपलब्ध होंगे. राम जन्मभूमि में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को इसे दिखाया जाएगा.
श्री रामजन्मभूमि मन्दिर स्थल पर फर्श निर्माण से पूर्व चबूतरा (प्लिंथ) के निर्माण का कार्य अब पूर्णता की ओर है। The plinth work at Shri Ram Janmabhoomi Mandir site is reaching it's final stage. pic.twitter.com/1skLgzMuma
यही नहीं राम जन्मभूमि परिसर में यज्ञशाला और सत्संग स्थल भी होगा. श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण के लिए वहीं पर एक रसोई का भी निर्माण होगा, जबकि कॉरीडोर में श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित मूर्तियां होंगी. श्रीराम के अनन्य भक्त और सेवक हनुमानजी और भगवान शंकर का एक मंदिर भी राम मंदिर के साथ बनाया जाएगा.

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