
अमेरिका को ताइवान की दो टूक! चिप प्रोडक्शन में 50-50 हिस्सेदारी पर इनकार
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ताइवान ने सेमीकंडक्टर चिप प्रोडक्शन में 50% हिस्सेदारी के अमेरिकी प्रस्ताव को सीधे तौर पर अस्वीकार कर दिया है. ताइवान की उप-प्रीमियर चेंग ली-चियुन ने वाशिंगटन के साथ टैरिफ वार्ता से लौटने के बाद यह बात कही है.
ताइवान ने अमेरिका के साथ चिप प्रोडक्शन को लेकर 50 फीसदी हिस्सेदारी के समझौते पर असहमति जताई है. यह ऐलान बुधवार को ताइवान के शीर्ष टैरिफ वार्ताकार ने घर लौटने के बाद हुआ है. अमेरिका के वाणिज्य सचिव हावर्ड लटनिक ने सुझाव दिया था कि चिप निर्माण में 50-50 का विभाजन हो, जिसका ज्यादातर हिस्सा मौजूदा वक्त में ताइवान में बनता है. ताइवान की उप-प्रीमियर चेंग ली-चियुन ने साफ किया है कि उनकी टीम ने ऐसी किसी भी शर्त पर न तो चर्चा की और न ही वे सहमति देंगे.
अमेरिका के वाणिज्य सचिव हावर्ड लटनिक ने वीकेंड में यूएस टेलीविजन नेटवर्क न्यूज़ नेशन को बताया था कि वॉशिंगटन का प्रस्ताव चिप बनाने में 50-50 का विभाजन होगा.
ताइवान की उप-प्रीमियर चेंग ली-चियुन ने वापस देश लौटने पर पत्रकारों को बताया कि उन्होंने वार्ता के दौरान अमेरिका द्वारा सुझाए गए 50-50 के विचार पर चर्चा नहीं की थी. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी टीम ऐसी शर्तों पर सहमत नहीं होगी.
TSMC का निवेश और टैरिफ छूट की उम्मीद
ताइवान दुनिया की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट चिपमेकर टीएसएमसी (TSMC) का हब है. टीएसएमसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एप्लीकेशन्स की मजबूत मांग की वजह से तेजी से आगे बढ़ रही है. टीएसएमसी मौजूदा वक्त में अमेरिका के एरिजोना स्टेट में चिप कारखाने बनाने के लिए $165 बिलियन का इन्वेस्टमेंट कर रही है.
हालांकि, कंपनी का ज्यादातर प्रोडक्शन ताइवान में ही रहेगा. ताइवान की सरकार ने पिछले महीने उम्मीद जताई थी कि टैरिफ वार्ता में 'कुछ प्रगति' हासिल होने के बाद अमेरिका से ज्यादा अनुकूल टैरिफ दर मिलेगी.

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