'अपील भी तुम, दलील भी तुम...' नरोदा गाम दंगा में आरोपियों के बरी होने पर ओवैसी का तंज
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Naroda gam massacre: नरोदा गांव में दंगे के मामले में स्पेशल कोर्ट का फैसला आ गया है. इस मामले में कोर्ट ने सभी 68 आरोपियों को बरी कर दिया है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने फैसला आने के बाद राहत इंदौरी की एक शायरी शेयर की है. तो वहीं, RJD नेता मनोज कुमार झा ने कहा है कि नरोदा में कुछ नहीं हुआ, कोई नहीं मरा.
गुजरात के नरोदा गांव (गाम) दंगों के मामले में स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. SIT के विशेष जज एस के बक्शी की कोर्ट ने 20 अप्रैल को 68 आरोपियों को बरी कर दिया. दरअसल, 2002 में हुए इन दंगों में 11 लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद पुलिस ने जांच के आधार पर गुजरात की पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता माया कोडनानी व बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत 86 लोगों को आरोपी बनाया था. इन 86 आरोपियों में से 18 की पहले ही मौत हो चुकी है. मामले में 21 साल बाद फैसला आया है.
फैसला आने के बाद कई नेताओं की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राहत इंदौरी की एक शायरी पोस्ट करते हुए लिखा है,'जिधर से गुजरो धुआं बिछा दो, जहां भी पहुंचो धमाल कर दो. तुम्हे सियासत ने हक दिया है, हरी जमीनों को लाल कर दो. अपील भी तुम, दलील भी तुम, गवाह भी तुम, वकील भी तुम, जिसे भी चाहो हराम कह दो, जिसे भी चाहो हलाल कर दो.'
फैसला आने के बाद RJD नेता मनोज कुमार झा ने भी बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि नरोदा में कुछ नहीं हुआ. कोई नहीं मरा, बस यही बात है. जय हिंद.
वहीं, कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने भी फैसला आने के बाद ट्वीट किया है. उन्होंने कहा 11 मुस्लिम मारे गए थे. नरोदा गाम में उनके घरों को जला दिया गया था. उन गवाहों का क्या हुआ, जिन्होंने माया कोडनानी को नरसंहार का नेतृत्व करते हुए देखा था. गुजरात की न्याय व्यवस्था शर्मानाक!नरोदागाम नरसंहार मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है. बहुत जल्द, हम यह भी सुनेंगे कि कोई जनसंहार नहीं हुआ था!
बता दें कि 2002 में गोधरा में चलती ट्रेन में आग लगा दी गई थी. इस हादसे में 58 लोगों की मौत हो गई थी. गोधरा कांड के विरोध में अगले दिन बंद बुलाया गया था. इस दौरान अहमदाबाद के नरोदा गांव में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी.
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