UP Election Result: यूपी को पसंद आया मोदी-योगी का साथ, आंकड़ों से समझिए बीजेपी ने कैसे मारी बाजी
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UP Chunav Result 2022: यूपी में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत में बहुत बड़ी भूमिका मोदी-योगी की जोड़ी की रही है. इस जोड़ी ने अपने प्रचार के दम पर बीजेपी को उन सीटों पर भी जीत दर्ज करवा दी, जहां पर राह मुश्किल नजर आ रही थी.
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत का सेहरा योगी आदित्यनाथा और पीएम नरेंद्र मोदी को दिया जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस जोड़ी ने अपने प्रचार के दम पर वो कीर्तिमान रच दिया, जो पिछले 37 सालों में कभी देखने को नहीं मिला. सरकार तो बना ही ली, इसके साथ-साथ कई विपक्षी पार्टियों की सियासी जमीन को हिलाकर रख दिया.
विपक्ष का यूपी में कैसे हुआ सफाया?
देश की सबसे पुरानी पार्टी और 90 के दशक से पहले तक जमकर यूपी में सत्ता पाने वाली कांग्रेस के 399 उम्मीदवारों में से 387 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. 144 महिला उम्मीदवारों को कांग्रेस ने उतारा, जिनमें से 137 अपनी जमानत नहीं बचा पाई, यानी इतने वोट भी नहीं जुटा पाईं कि चुनाव लड़ने के लिए जमा पैसा वापस मिल पाता. दलित वोटों की दावेदारी करने वाली मायावती की पार्टी ने अकेले 403 यानी सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे लेकिन 290 सीटों पर मायावती के कैंडिडेट अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए.
अखिलेश यादव के दो अहम सहयोगी दल आरलएडी और राजभर की पार्टी के 8 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई. जबकि बीजेपी के दो प्रमुख सहयोगी अपना दल एस और निषाद पार्टी के किसी उम्मीदवार की जमानत जब्त होने की नौबत नहीं आई.
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि चुनाव सीधे बीजेपी-समाजवादी पार्टी के बीच हुआ...जहां बीजेपी ने समाजवादी पार्टी से 85 लाख ज्यादा और कुल पड़े 8 करोड़ 35 लाख वोट में से 3 करोड़ 78 लाख मत हासिल किए. तो इसकी वजह है मोदी-योगी की डबल स्ट्राइक...जहां नरेंद्र मोदी अपना भरोसा योगी में दिखाते....योगी जनता के बीच नरेंद्र मोदी की अगुवाई में ही जिम्मेदारी निभाने का भरोसा जताते.
मोदी-योगी का शानदार स्ट्राइक रेट
कंगना रनौत ने एक ट्वीट में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन के दौरान पंजाब की 80 साल की एक बुजुर्ग महिला किसान की गलत पहचान करते और उन्हें बिलकिस बानो कहा था. कंगना ने जो ट्वीट किया था उसमें एक बुजुर्ग महिला दिखाई दे रही थीं, जो भले ही झुककर चल रही थीं, लेकिन उन्होंने किसान आंदोलन का झंडा बुलंद किए हुए था. उनका नाम मोहिंदर कौर था.
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