
UP में BJP से बगावत कर बुरे फंसे मुकेश सहनी, 10 दिनों में हो जाएंगे NDA से आउट!
AajTak
Boncha assembly by-election: मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) उत्तर प्रदेश के चुनाव में मैदान में उतरी थी. यूपी चुनाव के दौरान मुकेश सहनी बीजेपी के खिलाफ दर्जनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए. ऐसे में मुकेश सहनी ने यूपी में बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
बिहार में बोंचहा विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही एनडीए में सहयोगी दल विकासशील इंसान पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. मुकेश सहनी एनडीए में बने रहेंगे या फिर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा इसको लेकर फैसला अगले 10 दिनों में हो जाएगा.
ऐसा इसलिए कि चुनाव आयोग ने शनिवार को बोंचहा विधानसभा सीट पर उप चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. 12 अप्रैल को बोंचहा सीट के लिए उपचुनाव होगा. बिहार में होने वाले इस इकलौते उपचुनाव के लिए नामांकन 17 मार्च से 24 मार्च तक होना है.
सवाल उठता है कि आखिर बिहार में होने वाले 1 सीट के लिए उपचुनाव से आखिर एनडीए में मुकेश सहनी पर क्या फर्क पड़ता है ?
इसका जवाब दरअसल यह है कि 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में बोंचहा पर वीआईपी उम्मीदवार मुसाफिर पासवान जीते थे. मगर पिछले दिनों उनकी मृत्यु के बाद इस सीट पर अब उपचुनाव होना है.
उत्तर प्रदेश में खोला था बीजेपी के खिलाफ मोर्चा
इसी दौरान उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और 53 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार भी खड़े किए थे. उत्तर प्रदेश चुनावी नतीजे में मुकेश सहनी की पार्टी को सफलता तो नहीं मिली मगर इसके बाद से ही एनडीए से उनकी विदाई को तय माना जा रहा है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










