UP चुनाव: मायावती को बड़ा झटका देने की तैयारी में अखिलेश, सपा ने बसपा के लिए बनाया चक्रव्यूह
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अखिलेश मायावती को लेकर मीडिया के सामने मुखर नही हैं पर जिस तरह से मायावती ने 2019 में गठबंधन तोड़ा और सपा पर आरोप लगाए उसको लेकर अखिलेश अब मायावती की पार्टी को तोड़ने में लग गए हैं. बिना कुछ बोले, बिना कुछ कहे अपनी मंद मंद मुस्कान से अपनी 'बुआ' की पार्टी कमजोर करने में लगे हैं.
2019 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा ने गठबंधन किया था. लेकिन चुनाव में मिली हार के बाद गठबंधन टूट गया. तभी से सपा और बसपा में मनमुटाव जारी है. हालांकि, अखिलेश यादव सीधे तौर पर बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ कुछ भी बोलने से बचते नजर आते हैं. लेकिन कहा जा रहा है कि अखिलेश इस चुप्पी के सहारे मायावती को बड़ा झटका देने की तैयारी में हैं.
आज लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना है. इस बीच देशभर की वीआईपी सीटों पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. इन 51 हॉट सीटों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी सीट, कंगना रनौत की उम्मीदवारी वाली मंडी सीट, हेमा मालिनी की उम्मीदवारी वाली मथुरा सीट, अरुण गोविल की उम्मीदवारी वाली मेरठ सीट और शत्रुघ्न सिन्हा की उम्मीदवारी वाली आसनसोल सीट भी शामिल हैं.
राज्यपाल ने संकट में फंसे लोगों को तुरंत मदद देने के लिए एक क्विक रिस्पांस टीम का गठन भी किया है. उन्होंने कहा कि ज़रूरतमंद लोगों को आवास और परिवहन भी मुहैया कराया जाएगा. राज्यपाल ने सभी लोगों से संयम बरतने और उपद्रवियों की ओर से शांति भंग करने या संभावित हिंसा के बारे में किसी भी जानकारी की सूचना राजभवन को देने की अपील की है.
मनाली के ब्यास नदी के पास उत्तर प्रदेश की रहने वाली दो महिलाएं सेल्फी ले रही थी. पैर फिसलने से दोनों ब्यास नदी में डूब गईं और दोनों की मौत हो गई. पुलिस का कहाना है कि उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली आंचल का शव घटनास्थल से कुछ दूरी पर बरामद किया गया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. दूसरी महिला का पता लगाने के लिए बचाव अभियान जारी है.
झारखंड के डीजीपी (DGP) अजय कुमार सिंह ने राजधानी रांची की कानून व्यवस्था को बेहतर करने को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में रांची जोन के आईजी, डीआईजी, एसएसपी, सिटी एसपी समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी शामिल हुए. इस दौरान डीजीपी ने कहा है कि झारखंड में पहली बार सभी 14 सीटों पर हिंसा के बिना मतदान संपन्न हुआ है.
सुकमा में 17 लाख के इनामी 5 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. उसने राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे पुनर्वास योजना का लाभ दिया गया है. सभी का कहना है कि वे लोग माओवादी विचारधारा से पूरी तरह ऊब चुके थे. इस कारण उसने सरेंडर करने का निर्णय लिया. वहीं, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट उनका स्वागत किया है.