Tu Jhoothi Main Makkaar Review: सेकेंड हाफ के बाद कहानी के जज्बात बदल गए, हालात बदल गए
AajTak
Tu Jhooti Main Makkar Review: सेकेंड हाफ के दौरान फिल्म आपको एक इमोशनल राइड पर ले जाती है. जहां फैमिली वैल्यूज, रोमांस, दोस्ती से जुड़े हर इमोशन का सही डोज इस्तेमाल नजर आता है. फिल्म के वन लाइनर्स उनकी जान है.
कहानी साउथ दिल्ली के बिजनेस क्लास फैमिली के मिकी (रणबीर कपू) अपने दोस्त डबास (अनुभव सिंह बस्सी) संग मिलकर कपल्स के ब्रेकअप कराने का साइड बिजनेस चलाता है. इसी बीच डबास की बैचलर पार्टी में मिक्की की मुलाकात टिन्नी (श्रद्धा कपूर) से होती है. एक दूसरे से अट्रैक्ट हुए मिकी और टिन्नी टाइमपास मानकर अपने रिलेशनशिप की शुरुआत करते हैं. कब प्यार हो जाता है और कैसे बात शादी तक पहुंच जाती है, इसका अहसास दोनों को ही नहीं हो पाता है. मिकी की मॉडर्न फैमिली भी टिन्नी को एक्सेप्ट कर लेती है. एक नॉर्मल चल रही कहानी में उस वक्त ट्विस्ट आता है, जब टिन्नी इस रिश्ते को तोड़ने का फैसला कर लेती है. आखिरी टिन्नी ये फैसला क्यों लेती है? क्या दोनों कभी साथ हो पाते हैं? आखिर इस कहानी में कौन झूठा और कौन मक्कार है? जवाब जानने के लिए थिएटर की ओर रुख करें.
डायरेक्शन लव रंजन की फिल्मों का एक अलग फ्लेवर रहा है. उनकी फिल्मों ने अक्सर यूथ के दिलों के तार को छुआ है. चाहे वो गर्लफ्रेंड से परेशान बॉयफ्रेंड का भारी-भरकम मोनोलॉग हो या फिर दोस्ती और प्यार में चुनने की दुविधा, लव की कहानियों से यूथ ने हमेशा खुद को बहुत ज्यादा कनेक्ट महसूस किया है. तू झूठी मैं मक्कार टाइटिल पर बनी यह फिल्म भी यूथ के कुछ इश्यूज को एड्रेस करती है. एक ओर जहां लड़के प्रेमिका और परिवार के बीच पेंडुलम बनकर रह जाते हैं, तो वहीं लड़कियों की इंडिपेंडेंट लाइफ की चाहत और जॉइंट फैमिली के बीच फंसी जिंदगी जैसे मुद्दों पर मॉर्डन अप्रोच रखते हुए लव ने फिल्म को एक नए रंग में रंगा है.
फिल्म के फर्स्ट हाफ में बिखराव साफ नजर आता है. पहले हिस्से में कहानी का जबरदस्त खिंचाव दिखता है. कई बेवजह सीन्स और डायलॉग देखकर मन उबने सा लगता है. यहां एडिटिंग की कमी खलती है. कहानी को क्रिस्प कर टाइमफ्रेम कम किया जा सकता था. हालांकि, इंटरवल के बाद जिस तरह से फिल्म बोरिंग होती फिल्म ने यू-टर्न लिया है, वो काबिल ए तारीफ है. सेकेंड हाफ के दौरान फिल्म आपको एक इमोशनल राइड पर ले जाती है. जहां फैमिली वैल्यूज, रोमांस, दोस्ती से जुड़े हर इमोशन का सही डोज इस्तेमाल नजर आता है. फिल्म के वन लाइनर्स उनकी जान है. साथ ही दो ऐसे एक्टर्स की एंट्री होती है, जिसे स्क्रीन पर देखते ही चेहरे पर एक स्माइल जरूर आती है. ओवरऑल फिल्म एक फैमिली एंटरटेनर है, जिसमें हर वो एलिमेंट्स है, जो मास ऑडियंस को लुभाएगी.
टेक्निकल ऐंड म्यूजिक फिल्म का टेक्निकल और उसका मजबूत पक्ष है. अयांका बोस और संथाना कृष्णण रविचंद्रन की सिनेमैटोग्राफी क्लास की रही. चाहे वो गुड़गांव हो या स्पेन उनके फ्रेम में हर लोकेशन एक्जॉटिक और भव्य से लगते हैं. सिल्वर स्क्रीन पर फिल्म को देखना एक ट्रीट सा लगता है. हितेश सोनिक का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म के इमोशन के साथ पूरी तरह सांमजस्य बैठाए हुए था. हर इमोशन पर म्यूजिक के वैरिएशन ने उसके सीन्स पर जान सी डाल दी है. वहीं, प्रीतम के गानों ने रिलीज से पहले ही चार्ट बस्टर पर धूम मचाई है. खासकर तेरे प्यार में, कई बार प्यार होता है, ओ बेदर्दी जैसे गानें लोगों के प्ले लिस्ट में जल्द ही शुमार हो जाएंगे. एडिटिंग में अकीव अली और चेतन सोलंकी की लापरवाही साफ दिखी है. अगर फर्स्ट हाफ के कुछ सीन्स को एडिट कर क्रिस्प किए जाते, तो शायद फिल्म और भी ज्यादा अच्छी लगती.
एक्टिंग बचना ऐ हसीनों, तमाशा, ये जवानी है दीवानी जैसी रोमांटिक फिल्मों के बाद रणबीर कपूर एक लंबे समय के बाद रोमांटिक कॉमिडी जॉनर में वापसी कर रहे हैं. अपने इस जॉनर में पारंगत रणबीर इस किरदार में जंचे हैं. फिल्म के दौरान उन्होंने अपने इमोशन का ग्राफ पूरी तरह से बरकरार रखा है. श्रद्धा ने लगभग 3 साल बाद सिल्वर स्क्रीन पर वापसी की है. फिल्म में ग्लैमरस लगीं श्रद्धा कुछ-कुछ जगहों पर थोड़ी असहज नजर आती हैं. रणबीर के दोस्त बने बस्सी ने अपने डेब्यू में चौका मारा है. उनकी मौजूदगी से फ्रेशनेस आती है. डिंपल कपाड़िया ने मां के रूप में अपने किरदार को जिया है. बोनी कपूर एक टिपिकल डैड की भूमिका में काफी सहज लगे हैं. बोनी दिल्ली के हर उस डैडी की याद दिलाते हैं, जिससे हर कोई रिलेट कर लें. भतीजी के रूप में वर्मा के किरदार ने छोटे समय के लिए ही सही लेकिन सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है. फिल्म की कास्टिंग इसका मजबूत पक्ष हो सकता है.
क्यों देखें? फिल्म में हर वो एलिमेंट्स मौजूद हैं, जिसकी तलाश एक सिनेमालवर को होती है. रोमांस, कॉमिडी, फैमिली ड्रामा, फ्रेंडशिप हर वो रस आपको इस फिल्म में देखने को मिलेगा. रणबीर कपूर के फैंस के लिए यह ट्रीट है कि एक लंबे समय बाद उन्होंने रॉमकॉम जॉनर में वापसी की है. वहीं, श्रद्धा कपूर को भी एक लंबे समय के बाद सिल्वर स्क्रीन पर देखकर फैंस निराश नहीं होंगे. लव स्टोरी के साथ-साथ फैमिली इमोशन के तड़के ने फिल्म में चार चांद लगा दी है. श्रद्धा और रणबीर की फ्रेश जोड़ी भी इसका एक हुक फैक्टर है. फिल्म एंटरटेनिंग है, दावा है सेकेंड हाफ के आखिर के तीस मिनट आपके हंसते-हंसते गुजरेंगे. फिल्म को एक मौका तो जरूर बनता है.