
The Vaccine War के जरिए क्या 'द कश्मीर फाइल्स' का इतिहास दोहरा पाएंगे विवेक अग्निहोत्री?
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विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द वैक्सीन वॉर' का ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है. इसमें दिखाया गया है कि कोरोना के दौरान वैक्सीन बनाने के लिए किस तरह से संघर्ष किया गया था. नाना पाटेकर, अनुपम खेर और पल्लवी जोशी अभिनित ये फिल्म 28 सितंबर को रिलीज होगी. ऐसे में विवेक के सामने अपनी ही फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के बनाए इतिहास को दोहराने या उससे आगे निकल जाने की चुनौती रहेगी.
देश की पहली बायो-साइंस फिल्म होने का दावा कर रही 'द वैक्सीन वॉर' का ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है. नेशनल अवॉर्ड विजेता निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की इस फिल्म में दिखाया गया है कि कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए हमारे वैज्ञानिकों को कितना संघर्ष करना पड़ा था. इस दौरान हमारे देश के वैज्ञानिकों ने सेना के जवानों की तरह लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर जंग लड़ी थी. तमाम साजिशों और अवरोधों के बीच वैक्सीन बनाने की उपलब्धि की ये कहानी जितनी एग्रेसिव दिखती है, उतनी इमोशनल भी लगती है. इसमें नाना पाटेकर, राइमा सेन, अनुपम खेर और पल्लवी जोशी जैसे बेहतरीन कलाकार अहम भूमिका में हैं.
'द वैक्सीन वॉर' के ट्रेलर को लेकर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कुछ लोग इसे 'द कश्मीर फाइल्स' की तरह एक प्रोपेगैंडा फिल्म बता रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि ये हमारे वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को लोगों के बीच ले जाने का काम करने वाली है. फिल्म को लेकर लोगों की राय चाहे जो हो, लेकिन विवेक अग्निहोत्री पर अपनी ही फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के बनाए इतिहास को दोहराने या उसे तोड़कर नया कीर्तिमान बनाने का दबाव जरूर होगा. हम सभी जानते हैं कि हिंदूओं के नरसंहार की खौफनाक कहानी पर आधारित इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के कई नए रिकॉर्ड बनाए हैं. जिस वक्त बॉलीवुड की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट रही थी, उस समय में भी फिल्म ने 341 करोड़ रुपए (वर्ल्डवाइड) का कलेक्शन किया था, जबकि फिल्म का बजट महज 15 करोड़ रुपए था.
निश्चित तौर पर फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' की कमाई ने विवेक अग्निहोत्री और उनकी टीम का उत्साह बढ़ाने का काम किया था. उस वक्त फिल्म को लेकर एक लहर चल रही थी. घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन और हिंदूओं के नरसंहार के बारे में तो लोगों ने पहले सुन रखा था, लेकिन जब इस कहानी को पर्दे पर देखा, तो उनका दिल दहल उठा. क्योंकि विवेक ने लंबे रिसर्च के बाद उस दर्द को हूबहू अपनी फिल्म में उतार दिया था. कई सीन बहुत विभत्स हैं, लेकिन उस समय की भयावहता को बताने के लिए उनको दिखाया गया था. ये फिल्म लोगों से सीधे कनेक्ट कर गई थी. लोगों ने जमकर इसकी माउथ पब्लिसिटी की, जिसका सीधा असर बॉक्स ऑफिस पर देखा गया. रिलीज के बाद ये फिल्म दिन प्रति दिन अपनी कमाई में इजाफा करती चली गई. ट्रेंड के उलट इस फिल्म के दूसरे वीकेंड का कलेक्शन पहले की तुलना में ज्यादा था.
फिल्म का ट्रेलर देखिए...
अब सवाल उठता है कि क्या 'द वैक्सीन वॉर' भी 'द कश्मीर फाइल्स' की तरह प्रभावित कर पाएगी? क्या इसका बॉक्स ऑफिस कलेक्शन रिकॉर्ड तोड़ पाएगा? इन दोनों सवालों के जवाब जानने से पहले ये समझना होगा कि दोनों फिल्मों का विषय बहुत अलग है. इनके बीच वही अंतर है, जो 'क्लास' और 'मास' के बीच होता है. 'द कश्मीर फाइल्स' जिस तरह के विषय पर आधारित है, वो एक बड़ी ऑडियंश की सोच से मेल खाती है. इस वक्त देश का जो मिजाज है, उससे फिट बैठती है. जिस तरह का सियासी माहौल है, उसे वो सपोर्ट करती है. यही वजह है कि बिना किसी प्रमोशन के फिल्म ब्लॉकबस्टर हो गई. दूसरी तरफ 'द वैक्सीन वॉर' के विषय की गंभीरता अलग तरह की है. इसमें कोई दो राय नहीं कि कोरोना का दर्द आज भी लोगों के अंदर है, लेकिन वैक्सीन बनाने के संघर्ष या साजिश के बारे में जानने की दिलचस्पी शायद ही ज्यादा लोगों में हो.

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