Sundar Pichai Birthday: अमेरिका भेजने में लग गई थी पिता की एक साल की सैलरी, पढ़ें- सुंदर पिचाई के संघर्ष की कहानी
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Happy Birthday Sundar Pichai: पिचाई के बारे में कहा जाता है कि आज भले ही वे सिलिकॉन वैली के दिग्गज बन गए हैं, लेकिन अभी भी वह जमीन से जुड़े हुए शख्स हैं. वह खुद भी अपने पुराने दिनों को अक्सर याद करते रहते हैं. सुंदर पिचाई का बचपन अभावों में गुजरा है और उसे वो कभी भूलते भी नहीं हैं.
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई (Google CEO Sundar Pichai) आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उनकी गिनती भारतीय मूल के उन एक्जीक्यूटिव्स में होती है, जिन्होंने सिलिकॉन वैली में बड़ा नाम कमाया है. दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनियों में से एक गूगल (Google) को लीड करना वैसे भी कोई मामूली बात नहीं है. बेहद साधारण बैकग्राउंड से निकलकर आईटी जगत के शिखर तक का सफर करने वाले सुंदर पिचाई का आज जन्मदिन (Sundar Pichai Birthday) है.
जमीन से लेकर आसमान की उड़ान
पिचाई के बारे में कहा जाता है कि आज भले ही वे सिलिकॉन वैली के दिग्गज बन गए हैं, लेकिन अभी भी वह जमीन से जुड़े हुए शख्स हैं. वह खुद भी अपने पुराने दिनों को अक्सर याद करते रहते हैं. सुंदर पिचाई का बचपन अभावों में बीता है और उसे वो कभी भूलते भी नहीं हैं. अक्सर वो बड़े-बड़े कार्यक्रमों में अपने बीते दिनों का उदारहण देते हैं. एक बार उन्होंने ऐसे ही किसी कार्यक्रम में पहली बार अमेरिका पहुंचने का किस्सा साझा किया था.
टिकट में खर्च हो गए पिता के पैसे
कोरोना संकट के दौरान सुंदर पिचाई ने एक कार्यक्रम में दुनियाभर के छात्रों को वर्चुअली संबोधित किया था. उन्होंने कहा था कि मुश्किलें आती हैं, लेकिन ऐसे वक्त में सकारात्मक बने रहने की जरूरत है. उदाहरण के तौर पर उन्होंने अपने बीता हुए कल का जिक्र किया था. सुंदर पिचाई ने कहा था कि जब वो भारत से पहली बार अमेरिका आ रहे थे, तो उनके परिवार के सामने कई तरह की चुनौतियां थीं. बकौल पिचाई, 'मैं जब पहली बार पढ़ाई के लिए भारत से अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) आ रहा था, तो विमान के किराए में पिताजी के एक साल का पूरा वेतन लग गया था. वही मेरा प्लेन में पहला सफर था.'
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